Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गोपनीय दस्तावेज लीक करने में पूर्व मंत्री सरयू राय पर आरोप गठित, एमपी-एमएलए कोर्ट में हुए हाजिर

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 02:47 PM (IST)

    विधायक सरयू राय की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में उन पर आरोप गठित कर दिया गया है। एमपी-एमएलए कोर्ट में सरयू राय सशरीर उपस्थित हुए। सरयू राय के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव विजय वर्मा ने दो मई 2022 को डोरंडा थाना में गोपनीय दस्तावेज का लीक करने के तीन धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

    Hero Image
    गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में सरयू राय पर आरोप गठित कर दिया गया है।

    राज्य ब्यूरो, रांची। गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में विधायक सरयू राय की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस मामले में उनपर बुधवार को आरोप गठित कर दिया गया है। एमपी-एमएलए मामले के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सार्थक शर्मा की अदालत में सरयू राय सशरीर उपस्थित हुए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अदालत ने उनके खिलाफ लगे आरोपों के बारे में पढ़कर सुनाया। उन्होंने आरोपों से साफ इन्कार कर दिया और कहा कि मामले में ट्रायल फेस करेंगे। इसके बाद अदालत ने आरोप तय करते हुए अभियोजन पक्ष को मामले में गवाह प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।

    अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 12 अगस्त की तिथि निर्धारित की है। अदालत ने चार्जशीट पर 24 अगस्त को संज्ञान लिया था। इसके बाद उन्हें 20 मई को पुलिस पेपर सौंपा गया था। सरयू राय को मामले में अग्रिम जमानत की सुविधा प्राप्त है।

    सरयू राय के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव विजय वर्मा ने दो मई 2022 को डोरंडा थाना में गोपनीय दस्तावेज का लीक करने के तीन धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

    बता दें कि सरयू राय ने इसी दस्तावेज को हासिल करने के बाद प्रेस कान्फ्रेंस कर मीडिया को कोरोना काल में किए गए राशि के उपयोग की जानकारी दी थी।

    पुलिस ने राजनीतिक दबाव में किया काम - सरयू राय

    जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने रांची के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी के दौरान डोरंडा थाने में आफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी को राजनीतिक साजिश करार दिया।

    यह मामला तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा दर्ज किया गया था, जब राय ने कोविड प्रोत्साहन राशि में अनियमितता का आरोप लगाया था।

    राय ने कहा कि पुलिस ने राजनीतिक दबाव में बिना सबूत के उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। सरयू राय ने कोर्ट में दावा किया कि कोविड प्रोत्साहन राशि घोटाले के दस्तावेज, जो उन्होंने मुख्यमंत्री को सौंपे थे, सामान्य संचिका का हिस्सा थे और गोपनीय नहीं थे।

    फिर भी स्वास्थ्य विभाग ने उनके खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। राय ने कहा कि पुलिस डायरी में कोई सबूत नहीं है कि उनकी किसी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से बात हुई, फिर भी धारा 120(बी) लगाई गई, जो साजिश का आरोप सिद्ध करने के लिए अपर्याप्त है।

    सरयू राय ने हटिया के पुलिस उपाधीक्षक और रांची पुलिस पर कानून की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बिना सबूत के आरोपपत्र दाखिल किया और डीजीपी द्वारा आदेशित जांच का उल्लेख तक नहीं किया गया।

    राय ने 18 मई 2024 को डीजीपी को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने चेतावनी दी कि वे कोर्ट में इस साजिश का पर्दाफाश करेंगे और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।

    सरयू राय ने कहा कि भ्रष्टाचार उजागर करने पर उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करना नया नहीं है। कोविड घोटाले में बन्ना गुप्ता द्वारा 59 अपात्र लोगों को प्रोत्साहन राशि देने की कोशिश का खुलासा करने के बाद यह मुकदमा दर्ज हुआ। राय ने कहा कि वे इस मामले को जनता के सामने लाएंगे और इसे अंजाम तक पहुंचाएंगे।