फेफड़ों को मजबूत बनाता है चक्रासन
बच्चों के शरीर में लचीलापन लाने के लिए चक्रासन बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है। ...और पढ़ें

जासं, रांची: बच्चों के शरीर में लचीलापन लाने के लिए चक्रासन बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है। शनिवार को अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ द्वारा आयोजित वर्चुअल ऑनलाइन कक्षा जोकि योग गुरू मंगेश त्रिवेदी के निर्देशन में योग शिक्षिका वर्षा गौतम के द्वारा समपन्न हुई। इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दैनिक जागरण ब्रांड झारखंड के फेसबुक पेज पर किया। दैनिक जागरण के द्वारा समाजिक सरोकार के तहत बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। शनिवार की कक्षा में बच्चों को वर्षा गौतम ने चक्रासन करना सीखाया। कक्षा के अंतिम चरण में राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रभारी मोनिका शर्मा ने बच्चों को मेजर सुधीर वालिया की जीवन कथा सुनाई। इसमें उन्होंने बताया कि सुधीर वालिया को 21 वर्ष बाद परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
चक्रासन के फायदे:
चक्रासन का अभ्यास करने से फेफड़ों को अधिक ऑक्सीजन मिलती है। यह अस्थमा रोगियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। साथ ही, तनाव और डिप्रेशन को कम करता है। आंखों की रोशनी तेज होती है। इस आसन से शरीर में लचीलापन आता है। शरीर की वसा को कम करता है। रक्त की शुद्धि और परिसंचरण को बढ़ाता है। हाथों, पैरों और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। चक्रासन कैसे करें
सबसे पहले सूर्य नमस्कार का अभ्यास करे तत्पश्चात चक्रासन करें। इसका अभ्यास खाली पेट करना उत्तम है। हालांकि खाना खाने के चार से छह घंटे के बाद भी इसका अभ्यास कर करते हैं। चक्रासन करने की विधि
पीठ के बल लेट जाएं। घुटनों को मोड़ें और एड़ी को जितना हो सके अपने नितंब के पास लाएं। अब अपने हाथों को उठाएं और उन्हें अपने कानों के किनारे के पास रखे। हथेलियों को फर्श से लगये और उंगलियों की दिशा कंधों की ओर होनी चाहिए। अपने पैरों के साथ-साथ हथेलियों का उपयोग करके शरीर को ऊपर उठाएं। वजन को सही तरह से पारो और हाथो पर बाटें। अपने कंधे और जांघों को स्ट्रेच करें । अंतिम स्थिति में, शरीर एक पहिया के समान लगेगी। इस स्थिति को छोड़ने के लिए, आप शरीर को तब तक नीचे ना लाये, जब तक कि पीठ जमीन को न छू ले। आप अपनी सार्मथ्य अनुसार 30सेकंड तक कर सकते हैं। सावधानियां:
किसी भी तरह की पीठ की चोट या रीढ़ की समस्याओं से पीड़ित इसे ना करे ।
हृदय की बीमारी व उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति इसे ना करे।
गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के बाद के चरणों में चक्रासन करने से परहेज करना चाहिए।
अपने चेहरे और कंधे को आराम से रखें, तुरंत अंतिम स्थिति पाने की कोशिश ना करे।

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