SIR में ज़रा भी चूक नहीं, CEO का निर्देश- Parental Mapping और ASD लिस्ट 100% सही हो; 1950 पर कॉल कर ढूंढें अपना नाम
SIR Jharkhand रांची में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण में किसी भी प्रकार की चूक न होने का सख़्त आदेश दिया है। उन्होंने Pare ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने उप निर्वाचन पदाधिकारियों से कहा है कि मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर की जा रही पैरेंटल मैपिंग तथा एएसडी (अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत) की सूची तैयार करने में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो। इसमें भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन हो।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ बैठक में ये निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राज्य में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के पूर्व तैयारियों के क्रम में मतदाताओं का विगत गहन पुनरीक्षण के मतदाता सूची से वर्तमान मतदाता सूची की मैपिंग बीएलओ ऐप में की जा रही है।
इस दौरान अन्य राज्यों से आए मतदाताओं की मैपिंग मैनुअल रजिस्टर मेंटेन कर करें, जिससे मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के दौरान मतदाताओं को आसानी हो सके। गहन पुनरीक्षण के दौरान एक भी योग्य मतदाता छूटे नहीं इस बात को ध्यान में रखकर कार्य करना है।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा हर स्तर पर कार्यों के निरीक्षण की प्रक्रिया बनाई गई है, पदाधिकारी इसका अनुपालन करते हुए कार्य करें। उन्होंने कहा कि अन्य राज्य के वैसे मतदाता जिनका विगत मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण में झारखंड की मतदाता सूची में नाम नहीं था। वे अपना नाम संबंधित राज्य के विगत गहन पुनरीक्षण की मतदाता सूची से ढूंढ़कर अपने बीएलओ से संपर्क कर सकते हैं।
मतदाता विगत गहन पुनरीक्षण में अपना अथवा अपने परिजनों के नाम ढूंढ़ने के लिए 1950 पर कॉल कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। विगत गहन पुनरीक्षण की मतदाता सूची भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की अधिकृत वेबसाइट पर सर्चेबल फारमेट में उपलब्ध है।
इससे पहले मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने पीपीटी के माध्यम से पदाधिकारियों को विगत एसआइआर से वर्तमान मतदाता सूची की मैपिंग में विभिन्न स्तर पर निरीक्षण के प्रमुख बिंदुओं के बारे में विस्तृत रूप से प्रशिक्षण दिया।
1. गहन पुनरीक्षण (SSR) क्यों महत्वपूर्ण है?
- उद्देश्य: मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण (SSR) वह प्रक्रिया है जिसके तहत मतदाता सूची को अंतिम रूप से अपडेट किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता सूची त्रुटिहीन, अद्यतन और समावेशी हो।
- योग्य मतदाताओं का समावेशन: यह अभियान यह सुनिश्चित करता है कि 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी योग्य नागरिक, खासकर युवा, जो हाल ही में 18 वर्ष के हुए हैं, मतदाता के रूप में पंजीकृत हों।
- अशुद्धियों को दूर करना: यह प्रक्रिया मतदाता सूची से ASD (Absent, Shifted, Dead - अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत) मतदाताओं के नामों को हटाने या स्थानांतरित करने का काम करती है, ताकि चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत की सटीक गणना हो सके और बूथ पर अनावश्यक भीड़ या विवाद से बचा जा सके।
2. पैरेंटल मैपिंग (Parental Mapping) का क्या अर्थ है?
परिभाषा: पैरेंटल मैपिंग का तात्पर्य है पिछले गहन पुनरीक्षण की मतदाता सूची (Parental Roll) को वर्तमान मतदाता सूची (Current Roll) से मिलाना (Mapping) और तुलना करना।
महत्व: यह मैपिंग सुनिश्चित करती है कि कोई भी वैध मतदाता जिसका नाम पिछली सूची में था, वह गलती से वर्तमान सूची से न हट जाए। यह एक सत्यापन तंत्र के रूप में कार्य करता है। अधिकारी पिछले डेटा की तुलना करके यह सुनिश्चित करते हैं कि मतदाता सूची में कोई 'गड़बड़ी' न हो।
3. 'ASD' सूची पर फोकस क्यों?
ASD का मतलब: A-Absent (अनुपस्थित), S-Shifted (स्थानांतरित), D-Dead (मृत)।
- प्रशासनिक चुनौती: ये मतदाता सूची की सबसे बड़ी समस्याएँ होती हैं। यदि मृत या स्थानांतरित व्यक्तियों के नाम सूची में बने रहते हैं, तो यह बूथ पर फर्जी मतदान (Impersonation) की संभावना बढ़ा सकता है।
- सख्त अनुपालन: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का निर्देश है कि ASD सूची बनाने में किसी भी तरह की जल्दबाजी या लापरवाही न हो, क्योंकि गलत तरीके से नाम हटाने पर कानूनी शिकायतें हो सकती हैं। बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को घर-घर जाकर यह सत्यापन सावधानी से करना होता है।
4. अन्य राज्यों से आए मतदाताओं के लिए निर्देश
समस्या: जिन मतदाताओं ने हाल ही में अन्य राज्यों से आकर झारखंड में निवास शुरू किया है, उन्हें मतदाता सूची में शामिल करने के लिए एक विशेष प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
समाधान: ऐसे मतदाताओं के लिए मैनुअल रजिस्टर मेंटेन किया जाएगा। उन्हें अपने पुराने राज्य की 'विगत गहन पुनरीक्षण' की सूची से नाम ढूंढकर बीएलओ से संपर्क करने को कहा गया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उनका नाम पुराने राज्य से हट गया है और झारखंड में सही ढंग से जोड़ा जा रहा है।

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