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    Jharkhand Culture: केंद्रीय सरना समिति ने दी चेतावनी, नागपुरी गीतों में अश्लीलता परोसी तो खैर नहीं

    Updated: Sat, 12 Jul 2025 01:47 PM (IST)

    झारखंड में भाषा संस्कृकि को बचाने के लिए केंद्रीय सरना समिति आगे आई है। नागपुरी गीतों में अश्लीलता परोसने वाले एवं ऐसे गानों पर अश्लील नृत्य करने वालों को सीधे तौर पर चेतावनी दी है। कहा है कि 20 जुलाई के बाद किसी भी स्टूडियों से कोई लेखक व गायक अश्लीलता का प्रदर्शन नहीं करेगा।

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    नागपुरी नृत्यों में शालीनता को बढ़ावा देने की पहल।

    जासं, रांची । Jharkhand Culture केंद्रीय सरना समिति ने चेतावनी दी है कि अब क्षेत्रीय-स्थानीय, नागपुरी गीतों में अश्लीलता नहीं चलने दी जाएगी। इसे लेकर अध्यक्ष बबलू मुंडा, जगलाल पाहन व महासचिव महादेव टोप्पो ने कलाकारों के नाम से खुला पत्र जारी किया है।

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    कहा है कि सात जुलाई को कलाकारों की बैठक बीआइटी मेसरा में हुई थी, जिसमें भाषा, संस्कृति को कैसे बचाना है, इस पर चर्चा हुई। निर्णय हुआ कि 20 जुलाई के बाद किसी भी स्टूडियों से कोई लेखक व गायक अश्लीलता का प्रदर्शन नहीं करेगा।

    अपनी भाषा-संस्कृति को खराब करनेवाले गाने की रिकार्डिंग भी नहीं की जाएगी। साथ ही कलाकारों को अश्लील वीडियो भी नहीं बनाना है। इसके अलावा नागपुरी प्रोग्राम में अश्लील डांस नहीं होगा और न ही धर्म विशेष को लेकर कोई आपत्तिजनक गाने व वीडियो बनाए जाएंगे। Central Sarna Committee

    यदि ऐसा किया तो समिति ऐसे कलाकारों पर कानूनी व सामाजिक कार्रवाई करेगी। क्योंकि, आनेवाली पीढ़ी पर इसका गलत प्रभाव पड़ रहा है। पत्र में समिति ने इसे अनुरोध अपील की संज्ञा न देकर चेतावनी की संज्ञा दी हैं। कलाकारों व निर्माताओं ने भी समर्थन किया।

    इस निर्णय पर राजकुमार नागवंशी, पूर्व अध्यक्ष, झारखंड कल्चर आर्टिस्ट (कलाकार) एसोसिएशन ने कहा है कि यह अच्छी पहल है। हमलोगों ने 2022 में ही एसोसिएशन के जरिए अपील की थी।

    कहा- कलाकार बुद्धिजीवी होते हैं। वह इन सभी चीजों को जानता और समझता है। इस पर सिर्फ पहल न हो धरातल पर उतरे, राजनीति न हो। Nagpuri Dance

    गायिका मोनिका मुंडू ने कहा कि हमारी नागपुरी संस्कृति में अश्लीलता का कोई स्थान नहीं है, हमारे युवक-युवतियां शालीनता से नाचते-गाते हैं।

    यदि नागपुरी गीतों-एलबम में अश्लीलता परोसी गई तो समाज में बुरा प्रभाव पड़ेगा। इसलिए इस पहल का मैं स्वागत करती हूं। साथ ही सबों से इसमें सहयोग की अपील करती हूं।

    हमारा समाज सभ्य समाज है। हमलोगों के नृत्य में शालीनता होती है। महिलाओं को सम्मान मिलता है। भोजपुरी की तरह नागपुरी नहीं है। दूसरों को देखकर पैसे के लिए अपनी संस्कृति को विकृत नहीं होना चाहिए। रोक लगनी चाहिए।

    - तेज मुंडू, म्यूजिक डायरेक्टर