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    सीआरपीएफ प्रतिनियुक्ति के 13299.69 करोड़ माफ करे केंद्र, CM Hemant ने अमित शाह को लिखा पत्र

    Updated: Sat, 19 Jul 2025 01:49 PM (IST)

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राज्य में नक्सल विरोधी अभियान के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की प्रतिनियुक्ति के एवज में बकाया 13299.69 करोड़ रुपये की राशि को पूर्ण रूप से माफ करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने इस माफी को सहकारी संघवाद के सिद्धांत के तहत लागू करने की मांग की है।

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    मुख्यमंत्री हेमंत ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर सीआरपीएफ प्रतिनियुक्ति के पैसे माफ करने की मांग की है।

    राज्य ब्यूरो, रांची।  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राज्य में नक्सल विरोधी अभियान के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की प्रतिनियुक्ति के एवज में बकाया 13,299.69 करोड़ रुपये की राशि को पूर्ण रूप से माफ करने का अनुरोध किया है।

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    यह राशि केंद्र सरकार द्वारा राज्य से मांगी गई है, जिसे चुकाने की स्थिति में झारखंड पर भारी वित्तीय बोझ पड़ सकता है। मुख्यमंत्री ने इस माफी को सहकारी संघवाद के सिद्धांत के तहत लागू करने की मांग की है, ताकि राज्य की आर्थिक स्थिति और विकास योजनाएं प्रभावित न हों।

    मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि उग्रवाद को जड़ से खत्म करना केंद्र और राज्य सरकार की साझा जिम्मेदारी है। झारखंड अपने गठन के समय से ही नक्सल प्रभावित राज्य रहा है। राज्य सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के साथ केंद्र द्वारा उपलब्ध कराए गए सीआरपीएफ बलों का सहयोग लिया है।

    इस अभियान के परिणामस्वरूप उग्रवादी गतिविधियों में काफी कमी आई है। हालांकि, इस दौरान झारखंड पुलिस के 400 से अधिक कर्मी और अधिकारी कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद हो चुके हैं। यह बलिदान राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, लेकिन बकाया राशि का भुगतान राज्य की वित्तीय स्थिति को और कमजोर कर सकता है।

    आर्थिक चुनौतियों का दिया हवाला

    हेमंत सोरेन ने पत्र में कोविड-19 महामारी के बाद की आर्थिक चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद राज्य सरकार आर्थिक पुनरुत्थान, आपदा प्रबंधन और जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में जुटी है।

    पहले से ही वित्तीय दबाव झेल रहे राज्य पर 13,299.69 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ विकास योजनाओं को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। राशि की माफी से राज्य को अपनी प्राथमिकताओं, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।

    सहकारी संघवाद और सकारात्मक सहयोग की उम्मीद

    मुख्यमंत्री ने अपने अनुरोध को सहकारी संघवाद के सिद्धांत से जोड़ा, जिसके तहत केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर राष्ट्रहित में काम करती हैं। उन्होंने कहा कि नक्सल उन्मूलन जैसे राष्ट्रीय महत्व के अभियान में केंद्र सरकार को प्रतिनियुक्ति शुल्क माफ करके झारखंड का समर्थन करना चाहिए।

    हेमंत सोरेन ने विश्वास जताया कि केंद्रीय गृहमंत्री इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएंगे और राज्य की जनता को आर्थिक चुनौतियों से उबरने में सहयोग मिलेगा।