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    CBSE का बड़ा फैसला, अब डिजिटल होगी 10वीं-12वीं की कॉपियों की जांच; 2026 से 9वीं में ओपन-बुक एग्जाम

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 04:11 PM (IST)

    सीबीएसई बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का डिजिटल मूल्यांकन करने का फैसला किया है। यह निर्णय मूल्यांकन प्रक्रिया को और अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। बोर्ड ने यह भी निर्णय लिया है कि शैक्षणिक सत्र 2026-27 से 9वीं कक्षा में ओपन-बुक मूल्यांकन शुरू किया जाएगा।

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    अब डिजिटल होगी 10वीं-12वीं की कॉपियों की जांच। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए 10वीं और 12वीं की आंसर शीट्स का डिजिटल मूल्यांकन करने का निर्णय लिया है।

    इसके लिए उन एजेंसियों का चयन किया जाएगा, जिन्हें स्कूल बोर्ड, विश्वविद्यालय या सरकारी परीक्षा निकायों की कॉपियों के डिजिटल मूल्यांकन का अनुभव हो। बीते दिनों सीबीएसई की गवर्निंग बॉडी की बैठक में तय किया गया कि यह सिस्टम शुरू में चुनिंदा विषयों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू होगा।

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    सफल परीक्षण के बाद इसे 10वीं-12वीं के सभी विषयों में लागू किया जाएगा। इसके पहले बोर्ड ने साल 2014 में 10वीं और 2015 में दिल्ली में 12वीं की कुछ विषयों में डिजिटल मूल्यांकन की पहल की थी, जिसे सकारात्मक परिणाम मिले थे।

    गोपनीयता और पारदर्शिता पर जोर

    सीबीएसई बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि कॉपियों की जांच एक गोपनीय प्रक्रिया के तहत होगी और इसमें धांधली की कोई गुंजाइश नहीं होगी। डिजिटल मूल्यांकन से समय की बचत के साथ मूल्यांकन में समानता और सटीकता बढ़ेगी।

    इस प्रक्रिया पर करीब 28 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि शैक्षणिक सत्र 2026-27 से 9वीं कक्षा में मैथ्स, साइंस और सामाजिक विज्ञान विषयों के लिए ‘ओपन-बुक’ मूल्यांकन लागू किया जाएगा।

    यह प्रणाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप होगी, जिसमें छात्रों की रटने की बजाय समझ और विश्लेषण क्षमता को परखने पर जोर दिया जाएगा।

    डिजिटल मूल्यांकन से समय पर निकलेंगे रिजल्ट

    ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल के प्राचार्य डॉ. एके सिंह ने कहा कि डिजिटल मूल्यांकन में पहले कुछ प्रयास किए गए थे। उसमें कुछ अच्छे परिणाम तो कुछ गलत परिणाम निकले। उस समय संभवत: सीबीएसई के पास आज की भांति आधुनिक सिस्टम व तकनीक नहीं होंगे। लेकिन डिजिटल मूल्यांकन से फायदा होगा।

    इससे समय पर रिजल्ट निकलेंगे। जहां तक ओपेन बुक सिस्टम की बात है, यह 10-15 वर्ष पहले प्लस टू में लागू किया गया था। इस सिस्टम के लागू होने छात्रों को लाभ हैं। जो बच्चे पठन-पाठन के प्रति गंभीर होगे व अपने सिलेबस को सही से पढ़े होंगे, वहीं ओपेन बुक सिस्टम में लिख पाएंगे।

    उन्होंने कहा कि कई बार छात्रों को जानकारी होने से स्मरण में नहीं होता है। ऐसे में जो बच्चे पढ़ें होंगे, उनको इस सिस्टम से लाभ होगा।