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    Jharkhand Crime: कोयले की अवैध ढुलाई और वसूली में सीबीआई का एक्शन, 3 सीसीएल कर्मी सहित चार को किया अरेस्ट

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 04:43 PM (IST)

    अवैध तरीके से कोल लिफ्टिंग परिवहन करवाने उसके एवज में वसूली करने आदि के मामले में सीबीआइ की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने तीन सीसीएल कर्मी सहित चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। चारों को सीबीआइ की रांची स्थित विशेष अदालत में पेश करने के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भेज दिया है।

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    सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने तीन सीसीएल कर्मी सहित चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

    राज्य ब्यूरो, रांची। CCL Workers Arrested अवैध तरीके से कोल लिफ्टिंग, परिवहन करवाने, उसके एवज में वसूली करने आदि के मामले में सीबीआइ की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने 14 जुलाई को तीन सीसीएल कर्मी सहित चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।

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    गिरफ्तार आरोपितों में सीसीएल के गिद्दी ए कोलियरी परियोजना हजारीबाग के प्रबंधक अयोध्या करमाली, क्लर्क मुकेश कुमार, कर्मचारी प्रकाश महली व एक निजी कोल लिफ्टर विजय कुमार सिंह शामिल हैं। CBI Raid

    चारों ही आरोपितों को सीबीआइ की रांची स्थित विशेष अदालत में पेश करने के बाद सीबीआइ ने न्यायालय के आदेश पर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भेज दिया है।

    CBI ने छानबीन में पाया है कि कोल लिफ्टर विजय कुमार सिंह ने अवैध तरीके से कोल लिफ्टिंग व परिवहन के एवज में प्रबंधक अयोध्या करमाली को क्लर्क मुकेश कुमार के माध्यम से दो लाख तीन हजार रुपये दिए थे।

    और भी कोल लिफ्टरों ने सीसीएल कर्मचारी प्रकाश महली को भी अवैध खनन, परिवहन के एवज में चार लाख 98 हजार 500 रुपये का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, सीबीआइ की छानबीन में यह भी सामने आया है कि सीसीएल के अधिकारियों-कर्मियों को नकदी में भी रिश्वत की राशि पहुंचाई गई है।

    कोल लिफ्टर प्रति ट्रक 1800 रुपये नकदी प्रबंधक खनन अयोध्या करमाली को देते थे। प्रत्येक माह अयोध्या करमाली को अवैध वसूली से करीब दस लाख रुपये मिलते थे।

    सीबीआइ ने पांच जून को दर्ज की थी प्राथमिकी

    सीबीआइ की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने पांच जून को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें सीसीएल प्रबंधक रामगढ़ के पतरातू बस्ती निवासी अयोध्या करमाली, CCL के गिद्दी ए कोलियरी रामगढ़ के क्लर्क मुकेश कुमार व कर्मचारी प्रकाश महली नामजद तथा अन्य अज्ञात आरोपित बनाए गए थे।

    दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि सीबीआइ व सीसीएल की निगरानी शाखा ने संयुक्त रूप से छह मार्च 2025 को सीसीएल के गिद्दी ए कोलियरी परियोजना कार्यालय में छापेमारी की थी।

    छापेमारी के दौरान वहां सुरक्षा अधिकारी के रूप में तैनात प्रबंधक खनन अयोध्या करमाली के मोबाइल की जांच की गई। उनके मोबाइल में बहुत से संदेहास्पद लेनदेन की जानकारी मिली जो करीब तीन लाख पांच हजार 645 रुपये के थे।

    यह लेन-देन वहां तैनात ग्रेड-2 क्लर्क मुकेश कुमार उर्फ रूपेश कुमार के साथ फोन पे पर हुई थी। यह संदेहास्पद था। जांच में पता चला कि उक्त राशि अवैध तरीके से कोयला उठाव व ट्रांसपोर्टेशन मद में निजी लोगों से ली गई थी।

    उक्त राशि के बारे में पूछताछ के दौरान अयोध्या करमाली ने जांच टीम को संतोषजनक जवाब नहीं दिया था। मुकेश कुमार सीसीएल के गिद्दी ए कोलियरी में ग्रेड-2 क्लर्क था।

    उसके बारे में वहां के कर्मियों ने जांच टीम को बताया कि वह निजी कोयला ढोने वालों से अधिकारियों के कहने पर लेन-देन करता था।

    जांच टीम ने उसके मोबाइल की भी जांच की तो पता चला कि उसके मोबाइल में भी अवैध तरीके से संदेहास्पद लेन-देन के साक्ष्य थे।

    फोन पे पर रुपये लेने के मिले सबूत 

    उसके मोबाइल में एक निजी कोल लिफ्टर विजय सिंह से करीब दो लाख तीन हजार रुपये फोन पे पर लेने के सबूत मिले थे। इसके बारे में भी उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया था।

    छापेमारी के दौरान रेलिगढ़ा कोलियरी परियोजना के कर्मी प्रकाश महली भी इनके साथ-साथ अवैध प्रैक्टिस में शामिल था। वह गिद्दी ए कोलियरी के कोल लिफ्टर से अवैध वसूली करता था।

    उसके मोबाइल की जांच की गई तो उसमें भी चार लाख 98 हजार 500 रुपये के अवैध लेन-देन का पता चला। उक्त राशि उसने निजी कोल लिफ्टर विनोद कुमार दांगी उर्फ विनोद महतो, विजय सिंह (साईं इंटरप्राइजेज के खाते से), राजेश साव, बबलू सिंह, साइबा लोरी ब्रोकर अमजद हुसैन,

    आशीष विश्वकर्मा उर्फ आशीष करमाली, प्रदीप कुमार सिंह, सुनील गंझू, आशीष विश्वकर्मा की पुत्री कोमल कुमारी, पवन कुमार व विकास कुमार केशरी से फोन पे पर लिया था। उक्त राशि उसने अवैध तरीके से कोल लिफ्टिंग, अवैध कोयला परिवहन करवाने के एवज में ली थी।