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    समाज से जाति आधारित छुआछूत खत्म होना चाहिए, RSS के सह सरकार्यवाह ने कहा- इस पर 15-20 वर्षों तक काम करने की है जरूरत

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 04:40 PM (IST)

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह आलोक कुमार ने कहा कि आरएसएस अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मना रहा है। परंतु संघ ने बड़े आयोजन नहीं करके छोटे छोटे कार्यक्रम करने का निर्णय लिया। समाज में अभी बहुत काम करने हैं। इसलिए संघ अपने पंच परिवर्तन के माध्यम से समाज में बदलाव लाने का प्रयास करेगा ।

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    आरएसएस के सह सरकार्यवाह आलोक कुमार ने कहा कि समाज में अभी बहुत काम करने हैं।

    संजय कुमार, रांची। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह आलोक कुमार ने कहा कि आरएसएस अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मना रहा है।

    परंतु संघ ने बड़े आयोजन नहीं करके छोटे छोटे कार्यक्रम करने का निर्णय लिया। समाज में अभी बहुत काम करने हैं। इसलिए संघ अपने पंच परिवर्तन के माध्यम से समाज में बदलाव लाने का प्रयास करेगा ।

    इसमें सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी का भाव व नागरिक कर्तव्य है। समाज में आज भी छुआछूत व्याप्त है।

    पढ़ने लिखने व बातचीत में कम तो हुआ है परंतु गांव में आज भी दिखता है। जाति के आधार पर व्याप्त छुआछूत समाज में समाप्त होना चाहिए।

    इस पर अगले 15 -20 वर्षों तक काम करने की जरूरत है। वह आरएसएस के शताब्दी समारोह उत्सव के तहत रांची के कांके रोड में आयोजित कार्यक्रम में स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे।

    उन्होंने कहा कि संयुक्त परिवार हमारी संस्कृति व परंपरा रही है। पुराने समय में संयुक्त परिवार हुआ करता था, जो आज समाप्त होता जा रहा है।

    परिवारों को तोड़ने का कुचक्र विदेशी ताकतों द्वारा विभिन्न माध्यमों से रचा जा रहा है। जिसमें लोग फंसते जा रहे हैं ।

    आज अकेलापन का भाव बढ़ता जा रहा है। इसलिए टूटते परिवार को बनाए रखने का प्रयास करना है।

    उन्होंने पर्यावरण की चर्चा करते हुए कहा कि इसे बचाए रखना है।

    कोलकाता 40 वर्ष बाद पानी से भर गया, आखिर क्यों इस पर चिंता करने की जरूरत है। स्वदेशी की चर्चा करते हुए कहा कि इसे सभी लोगों को अपनाना चाहिए।

    आत्मनिर्भर स्वदेशी भाव से होना है। पंच परिवर्तन में पांचवां और अंतिम नागरिक कर्तव्य है। यहां कर्तव्य की बात कोई नहीं करता, अधिकारों की बात सभी करते हैं। 

    हमें अपने नागरिक कर्तव्य पर भी ध्यान देना है। उन्होंने कहा कि समाज देखकर सीखना है इसलिए स्वयंसेवक पहले इन पांचों बातों को अपने घर से स्वयं से प्रयोग करेंगे, फिर समाज में लेकर के जाएंगे। अगले 15- 20 वर्षों तक संघ के स्वयंसेवक इस पर काम करेंगे।

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