कैशकांड मामला: इरफान अंसारी समेत कांग्रेस के 3 विधायकों को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत; निरस्त हुई जीरो FIR
Jharkhand News कोलकाता में कैश कांड में कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी को हाई कोर्ट से राहत मिली है। जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत ने अरगोड़ा थाने में दर्ज जीरो प्राथमिकी को निरस्त कर दिया है। (फाइल फोटो)
रांची, राज्य ब्यूरो: कोलकाता में कैश कांड में कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी को हाई कोर्ट से राहत मिली है।
जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत ने अरगोड़ा थाने में दर्ज जीरो प्राथमिकी को निरस्त कर दिया है। 24 फरवरी को बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को अदालत ने विधायकों को पक्ष में फैसला सुनाया है।
कोलकाता ट्रांसफर कर दी थी प्राथमिकी
तीनों विधायकों के कोलकाता में गिरफ्तार होने के बाद कांग्रेस विधायक अनूप कुमार सिंह ने सरकार गिराने की साजिश में शामिल रहने का आरोप लगाते हुए अरगोड़ा थाना में जीरो प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने प्राथमिकी कोलकाता पुलिस को स्थानांतरित कर दी थी।
अरगोड़ा थाना में दर्ज प्राथमिकी और उसे कोलकाता भेजे जाने को नियमों के खिलाफ बताते हुए तीनों विधायकों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अदालत से प्राथमिकी रद करने का आग्रह किया गया था।
सुनवाई के दौरान तीनों विधायकों ने अरगोड़ा में दर्ज जीरो एफआईआर को कोलकाता पुलिस को स्थानांतरित करने को गलत बताया था। विधायकों की ओर से कहा गया कि प्राथमिकी का उद्देश्य स्पष्ट नहीं है।
विधायकों को 49.37 लाख रुपये के साथ किया गया था गिरफ्तार
इसमें सरकार को गिराने के लिए तीनों विधायकों पर पैसे लेने का आरोप लगाया गया है। यह भी कहा गया है कि सूचक को ऐसी उम्मीद है कि सभी सरकार गिराने के लिए प्रयास कर रहे थे और उनसे भी इसमें शामिल होने को कहा गया था, लेकिन इसके समर्थन में कोई केस नहीं किया गया।
एक योजना के तहत रांची में जीरो प्राथमिकी दर्ज की गई और उसे कोलकाता स्थानांतरित किया गया। तीनों विधायकों को कोलकाता में पैसों के साथ पकड़ा गया था। ऐसे में रांची में जीरो प्राथमिकी दर्ज कर उसे कोलकाता स्थानांतरित करना नियम सम्मत नहीं है।
झारखंड के तीन कांग्रेसी विधायकों को कोलकाता पुलिस ने 30 जुलाई 22 को हावड़ा के पांचला में 49.37 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। तीनों के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है और यह मामला फिलहाल कोलकाता के न्यायालय में लंबित है। तीनों विधायकों को कलकत्ता हाई कोर्ट ने जमानत प्रदान की है।