इस संजीदगी से होगी जीत, लेकिन यह क्या जरा इन्हें भी कोई समझाए..
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने किसी आक्रांता की तरह आम जनजीवन को तहस-नहस कर दिया है।
जासं, रांची : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने किसी आक्रांता की तरह आम जनजीवन को तहस-नहस कर दिया है। हालांकि देर से ही सही, लोग चेत रहे हैं। अब वे जान रहे हैं कि सावधानी ही अपनी और अपनों की जिंदगी बचाने, परेशानियों से दूर रखने का सबसे कारगर उपाय है। लोग मास्क पहनकर निकल रहे हैं। सैनिटाइजर लेकर निकल रहे हैं। अस्पताल में भर्ती स्वजनों को देखने जा रहे हैं तो मास्क, ग्लव्स, सैनिटाइजर साथ लेकर जा रहे हैं। शारीरिक दूरी का भी खास ख्याल रखा जाने लगा है क्योंकि लोग समझने लगे हैं कि अब भी नहीं चेते तो शायद बहुत देर हो जाए। हालांकि इस विकट संकटपूर्ण हालात में भी कई जगह बेफिक्री चिंता में डाल रही है। एक बड़ा वर्ग काफी सावधान, सतर्क है तो ऐसे लोग भी हैं जिन्हें शायद अब भी इस बात का आभास नहीं है कि कोरोना संक्रमण किस कदर कहर ढा रहा है। ऐसे लोग बेफिक्र घूम रहे हैं। मास्क नहीं पहन रहे। सैनिटाइजर क्या होता है शायद इन्हें मालूम भी नहीं। अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं तो अपने साथ दूसरों के लिए भी गंभीर खतरा बने हैं। इस संकट की घड़ी में हमारे फोटो जर्नलिस्ट संजय सुमन ने अपनी राजधानी के विभिन्न स्थानों पर जाकर दोनों ही तरह के लोगों, उनकी गतिविधियों को कैमरे में कैद किया। उद्देश्य यह कि इन्हें देखकर शायद उन्हें अक्ल आ जाए जो मामले को हल्के में लेकर हालात को नहीं समझ रहे है। वक्त की जरूरत है कि अब भी संभल जाएं। कहीं ऐसा न हो कि बाद में पछताना पड़ जाए।