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हेमंत सोरेन को खनन लीज आवंटित करने के लिए सीएमओ से अफसर पर बनाया गया दबाव... जानिए, क्या है पूरा मामला

Hemant Soren Mining Lease प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सूचना मिली है कि सीएम कार्यालय से जुड़े एक प्रभावशाली व्यक्ति ने काल कर दिलवाया था पर्यावरण मंजूरी। मुखौटा कंपनियों से जुड़े मामले के शिकायतकर्ता शिव शंकर शर्मा के पूरक हलफनामा में गंभीर आरोप।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Wed, 15 Jun 2022 08:33 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jun 2022 08:33 PM (IST)
Jharkhand News: हेमंत सोरेन को खनन लीज आवंटित करने के लिए सीएमओ से अफसर पर बनाया गया दबाव।

रांची, राज्य ब्यूरो। निलंबित आइएएस पूजा सिंघल के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में अनुसंधान कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसंधान का दायरा बढ़ता जा रहा है। कुछ दिन पहले ही मुखौटा कंपनियों से जुड़े मामले के शिकायतकर्ता शिव शंकर शर्मा के पूरक हलफनामा में वर्तमान की राज्य सरकार पर लगे गंभीर आरोपों का भी ईडी सत्यापन कर रहा है। सत्यापन के क्रम में ही ईडी को यह जानकारी मिली है कि अनगड़ा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम पर जिस पत्थर खदान का खनन पट्टा मिला था, उसका पर्यावरण मंजूरी दबाव बनाकर लिया गया था। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े एक प्रभावशाली व्यक्ति ने राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआइएए) के अधिकारी को फोन किया था और पर्यावरण की मंजूरी का दबाव बनाया था। इसके बाद उक्त अधिकारी ने रांची के तत्कालीन खनन अधिकारी सत्यजीत कुमार से यह सत्यापन किया कि आवेदक स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं या कोई और। जब जानकारी मिली कि आवेदक मुख्यमंत्री ही हैं, तो पर्यावरण मंजूरी दे दी गई। हालांकि, एसईआइएए का दावा है कि हेमंत सोरेन के खनन पट्टे को पर्यावरण मंजूरी कानून के दायरे में रहकर दी गई थी। किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया। संबंधित दस्तावेज व खनन स्थल का निरीक्षण करने के बाद ही पर्यावरण मंजूरी दी गई।

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खनन पदाधिकारियों से पूछताछ के आधार पर अनुसंधान

खूंटी के मनरेगा घोटाले के बाद मनी लांड्रिंग मामले में शुरू हुई ईडी की जांच का दायरा अब अवैध खनन, अवैध परिवहन, शेल कंपनियों तक पहुंच गया है। इसी क्रम में पिछले एक महीने के भीतर आधा दर्जन से अधिक जिला खनन पदाधिकारियों से भी ईडी की पूछताछ हो चुकी है। इसी पूछताछ के दौरान ईडी को अनगड़ा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आवंटित खनन पट्टा लीज मामले में भी जानकारी मिली, जिसके सत्यापन के दौरान उपरोक्त जानकारी मिली। अब इस मामले में आगे की छानबीन चल रही है।

वर्ष 2021 में हुआ था खनन पट्टा का आवंटन

मिली जानकारी के अनुसार 14 मार्च 2021 को अनगड़ा में हेमंत सोरेन व गांव के कुछ लोगों के बीच भूमि पट्टा समझौता हुआ। इसके बाद खनन के लिए मुख्यमंत्री ने 28 मई 2021 को तत्कालीन जिला खनन पदाधिकारी (डीएमओ) को आवेदन दिया। एक जून को डीएमओ ने इस मामले में जानकारी के लिए अनगड़ा के अंचलाधिकारी से रिपोर्ट ली। अनगड़ा के ग्राम पंचायत ने सात जून को खनन की मंजूरी दी और उसी दिन अनगड़ा के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने डीएमओ को ग्राम पंचायत के निर्णय से अवगत कराया। इसके बाद डीएमओ ने 16 जून 2021 को कुछ शर्तों के साथ खनन लीज की सैद्धांतिक मंजूरी दी। नौ सितंबर 2021 को मुख्यमंत्री ने पर्यावरण मंजूरी के लिए एसईआइएए को आवेदन दिया, जिसपर 22 सितंबर को मंजूरी मिली थी।

प्रेम प्रकाश को बताया था खनन माफिया

मुखौटा कंपनियों से जुड़े मामले में हाई कोर्ट में दाखिल पूरक आरोप पत्र में शिव शंकर शर्मा ने राजनेताओं व नौकरशाहों के करीबी प्रेम प्रकाश को अवैध खनन माफिया व सरकार के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी बताया था, जिसकी जांच जारी है। प्रेम प्रकाश को अवैध खनन, परिवहन व राजनीति से जुड़े एक संगठित सिंडिकेट का प्रमुख बताया गया था। यही वजह है कि ईडी करीब-करीब हर दिन प्रेम प्रकाश व उससे जुड़े उसके सहयोगियों से लगातार पूछताछ कर रहा है।


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