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बारिश में ढहा कांची नदी पर बना पुल, दो स्लैब पानी में बहे, 9 साल पहले 6 करोड़ की लागत से हुआ था निर्माण

रांची के तमाड़ सोनाहातू पथ पर कांची नदी के ऊपर बामलाडीह घाट के पुल के दो स्लैब शनिवार की रात भारी बारिश के कारण नदी में आए तेज बहाव में बह गए। इस पुल के टूटने से तमाड़ और सोनाहातू प्रखंड के बीच का सीधा संपर्क टूट गया।

By Vikram GiriEdited By: Published: Sun, 08 Aug 2021 11:31 AM (IST)Updated: Sun, 08 Aug 2021 11:31 AM (IST)
बारिश में ढहा कांची नदी पर बना पुल, दो स्लैब पानी में बहे, 9 साल पहले 6 करोड़ की लागत से हुआ था निर्माण
बारिश में बहे कांची नदी पर बने पुल के दो स्लैब। जागरण

रांची/तमाड़, संसू । रांची के तमाड़ सोनाहातू पथ पर कांची नदी के ऊपर बामलाडीह घाट के पुल के दो स्लैब शनिवार की रात भारी बारिश के कारण नदी में आए तेज बहाव में बह गए। इस पुल के टूटने से तमाड़ और सोनाहातू प्रखंड के बीच का सीधा संपर्क टूट गया। जिससे दोनों प्रखंडों के हजारों लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि इस पुल का निर्माण साल 2011-12 में किया गया था। जिसमें लगभग छह करोड़ की लागत आई थी। साल 2014 में पुल में आवागमन शुरू हुआ था।

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लेकिन सात साल बाद ही पुल ध्वस्त हो गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि अत्यधिक बालू के अवैध उत्खनन के कारण पुल क्षतिग्रस्त हुआ। बालू माफिया धड़ल्ले से अवैध उत्खनन कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। इधर, अब सोनाहातू से तमाड़ या तमाड़ से सोनाहातू जाने के लिए बुंडू होकर आना पड़ेगा, जो काफी लंबा है। फिलहाल प्रखंड प्रशासन की ओर से तत्काल आवागमन को बंद करा दिया है। बताया जा रहा है कि पुल का एक पिलर भी टेढ़ा हो गया है, जो कभी भी गिर सकता है।

नौ साल पहले हुआ था पुल का निर्माण

इसका निर्माण वर्ष 2011-12 में शुरू हुआ था। जबकि साल 2014 से पुल में आवागमन शुरू हुआ था। लेकिन पुल पर आवागमन शुरू होने के बाद तीन साल के भीतर ही 27 जुलाई 2017 को बीच का पिलर दब गया। तभी से इसके ध्वस्त होने की आशंका व्यक्त की जा रही थी। हालांकि, 2018 तक पुल को दुरुस्त कर लिया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि पुल के आसपास से अत्यधिक बालू के उठाव के कारण पुल का स्पेन दब गया था। अगर प्रशासन इस तरीके से अवैध बालू के उठाव पर सख्ती से रोक लागता तो पुल ध्वस्त नहीं होता।

शनिवार को हो रही भारी बारिश से नदी का तेज बहाव स्लैब से टकरा रहा था। इस कारण पूल के दो स्लैब गिर गए और एक गिरने वाला है। 17 स्पैन वाले इस उच्च स्तरीय पुल में 3 स्लैब गिर चुके हैं। एक टेढ़ा होकर गिरने की स्थिति में है । लोगों ने आशंका जताई है कि अगर जोरदार बारिश होती रही तो पूरा पुल ध्वस्त हो सकता है।

बालू के अत्यधिक अवैध उत्खनन के कारण धंसा पिलर

स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि निर्माण में गड़बड़ी हुई है। निर्माण कार्य के दौरान गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया। जिसका ये परिणाम है। इसके अलावा लोगों ने यह भी कहा कि पुल धंसने की दूसरी बड़ी वजह घाट से बालू का अत्यधिक उत्खनन है। लेकिन इस ओर भी प्रशासन का ध्यान नही हैं। बालू माफियाओं द्वारा यहां धड्ड़ले से बालू का अवैध उत्खनन जारी है।


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