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    पलामू में सुनियोजित तरीके से कराई गई यूरिया की कालाबाजारी, भाजपा विधायक ने अधिकारियों को बताया जिम्मेदार

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 06:26 PM (IST)

    खेती के मौसम में यूरिया संकट झेल रहे किसानों की परेशानी को लेकर पांकी विधायक कुशवाहा डा. शशिभूषण मेहता ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पलामू जिले में यूरिया की कालाबाजारी सुनियोजित तरीके से कराई गई है। जिले को 8179.34 मीट्रिक टन मिलने के बावजूद किसान आज यूरिया के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े हैं और 266 रुपये की बोरी 500 रुपये तक में खरीदने को मजबूर हैं।

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    पांकी विधायक ने आरोप लगाया है कि पलामू में सुनियोजित तरीके से यूरिया की कालाबाजारी कराई गई ।

    जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। खेती के मौसम में यूरिया संकट झेल रहे किसानों की परेशानी को लेकर पांकी विधायक कुशवाहा डा. शशिभूषण मेहता ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पलामू जिले में यूरिया की कालाबाजारी सुनियोजित तरीके से कराई गई है।

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    विधायक ने बताया कि अप्रैल से अगस्त महीने तक जिले को 8179.34 मीट्रिक टन यूरिया मिली। इतनी बड़ी मात्रा मिलने के बावजूद किसान आज यूरिया के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े हैं और 266 रुपये की बोरी 500 रुपये तक में खरीदने को मजबूर हैं।

    सवाल यह उठता है कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा का यूरिया गई कहां? डा. मेहता ने स्पष्ट कहा कि यूरिया वितरण में जिला कृषि पदाधिकारी, प्रशासन और प्रखंड कृषि पदाधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है।

    जानबूझकर किसानों को संकट में डालने के लिए निजी कंपनियों के स्टाकिस्टों को मनमाने ढंग से अधिक आवंटन किया गया, जबकि सहकारी संस्था इफको को अपेक्षाकृत बहुत कम मात्रा में यूरिया दी गई।

    निजी कंपनियों के स्टाकिस्टों को दिए गए 6329 मीट्रिक टन यूरिया का हिसाब सार्वजनिक करने की मांग करते हुए विधायक ने आरोप लगाया कि अप्रैल और मई महीने में जिले को मिली यूरिया की तस्करी पड़ोसी राज्यों बिहार और छत्तीसगढ़ में की गई है।

    विधायक ने कहा कि यूरिया की कालाबाजारी के लिए जिम्मेदार जिला कृषि पदाधिकारी, निजी कंपनियों के स्टाकिस्ट और प्रशासनिक अधिकारी दोषी हैं। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

    उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसानों के हक की रक्षा नहीं की गई और दोषियों को सजा नहीं मिली तो वह जोरदार आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

    डा.मेहता ने साफ कहा कि जब तक यूरिया के कालाबाजारियों को जेल नहीं भेजा जाता, तब तक किसान हित में हमारी लड़ाई जारी रहेगी।