Jharkhand Election: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए BJP ने कसी कमर, दिग्गजों की बदलेगी सीट; टिकट का फॉर्मूला तय!
Jharkhand Assembly Elections झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। यही वजह है कि अभी से पार्टी ने सीटों और टिकट वितरण पर मंथन शुरू कर दिया है। इसका आधार तय किया जा रहा है। इतना ही नहीं पार्टी अपने दिग्गज नेताओं को भी जिताऊ सीट पर उतारने का मन बना रही है।
प्रदीप सिंह, रांची। Jharkhand Assembly Election: झारखंड में विधानसभा चुनाव की आरंभिक तैयारी के बाद प्रदेश भाजपा (Jharkhand BJP) ने अगले चरण में सीटों का चयन करने के साथ-साथ वहां वैसे प्रत्याशियों पर फोकस किया है, जो सीटें पार्टी की झोली में डालने में सक्षम होंगे।
फिलहाल एक-एक सीट पर पार्टी के रणनीतिकार माथापच्ची कर रहे हैं। स्वतंत्र एजेंसियों की सर्वे रिपोर्ट पार्टी के प्रत्याशियों के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विभिन्न स्तरों पर चार एजेंसियों ने पूरे राज्य की विधानसभा सीटों का गहन सर्वेक्षण कर अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
मिला क्या अभियान से भाजपा कर रही प्रचार
पार्टी ने हाल ही में मिला क्या नामक प्रचार अभियान शुरू किया है। प्रचार की यह रणनीति भी स्वतंत्र एजेंसियों के निष्कर्ष का फलाफल है, जिसमें गहन शोध व विचार-विमर्श के बाद वैसे बिंदु उभारे गए हैं जो सीधे मतदाताओं के मन-मस्तिष्क में उतर सकें।
ठीक यही रणनीति उम्मीदवारों के चयन में भी अपनाई गई है। अलग-अलग चार सर्वे का निष्कर्ष आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों का नाम तय करने का मजबूत आधार बनेगा। नेतृत्व की चिंता राज्य में दल के अग्रिम कतार के नेताओं को लेकर भी है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने पिछला चुनाव गिरिडीह के धनवार सीट से जीता था। यह सामान्य सीट है। मरांडी के लिए मुफीद आदिवासी सुरक्षित सीट खोजी जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के भी चुनाव लड़ने की पूरी संभावना है।
क्या अर्जुन मुंडा को मिलेगी दूसरी सीट?
अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) की परंपरागत खरसावां विधानसभा सीट पर अभी झारखंड मुक्ति मोर्चा का कब्जा है। वे वहां से लड़ सकते हैं या दूसरी सीटों का भी रुख कर सकते हैं।
भाजपा की कोर कमेटी की बैठकों में लगातार इसपर मंतव्य लिया जा रहा है। उम्मीदवारों के निर्धारण में जिला कमेटियों की भी भूमिका होगी। जिला कमेटियों से प्रत्याशियों के नाम का पैनल मांगा गया है।
पहली बार गहमागहमी से दूर रहेंगे रघुवर दास
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (Raghubar Das) पहली बार चुनावी गहमागहमी से दूर रहेंगे। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में उनके हाथ में भाजपा के चुनावी अभियान की कमान थी।
उन्होंने पूरी आक्रामकता के साथ अभियान का नेतृत्व किया। चुनाव परिणाम विपरीत आने के बाद उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। बाद में उन्हें पड़ोसी राज्य ओडिशा का गवर्नर बना दिया गया।
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