Kudmi vs Adivasi: कुड़मी आंदोलन पर भाजपा चुप, राज्य सरकार पर थोपा मामला
कुड़मी समुदाय अपने को आदिवासी का दर्जा दिलाने के लिए आंदोलन कर रहा है। हालांकि आंदोलन को स्थगित किया गया है लेकिन इसको लेकर आदिवासी और कुड़मी समुदाय के नेताओं की बयानबाजी जारी है। भारतीय जनता पार्टी ने पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साध रखी है। जबकि सहयोगी पार्टी आजसू कुड़मी समुदाय को आदिवासी का दर्जा दिए जाने के समर्थन में है।

राज्य ब्यूरो, रांची । कुड़मी समुदाय अपने को आदिवासी का दर्जा दिलाने के लिए आंदोलन कर रहा है। हालांकि आंदोलन को स्थगित किया गया है लेकिन इसको लेकर आदिवासी और कुड़मी समुदाय के नेताओं की बयानबाजी जारी है।
भारतीय जनता पार्टी ने पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साध रखी है। जबकि सहयोगी पार्टी आजसू कुड़मी समुदाय को आदिवासी का दर्जा दिए जाने के समर्थन में है।
भाजपा के कुड़मी नेता भी इस मामले पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर संवाद के जरिए समाधान निकाले।
उन्होंने कहा कि इस मामले का सामाजिक पक्ष है, जिसमें दोनों के बीच बिना वैमनस्यता के रास्ता निकालना होगा। सांस्कृतिक तौैर पर राज्य में किसी तरह का विवाद नहीं हो, और इस आंदोलन का समाधान निकले।
बिहार चुनाव की वजह से भी पार्टी ले रही बीच का स्टैंड
इस साल के अंत में बिहार विधानसभा के चुनाव होने हैं। बिहार में भी कुर्मी या कुड़मी समुदाय की बड़ी संख्या है। पार्टी इस मुद्दे पर विरोध या समर्थन नहीं करते हुए बीच का रास्ता ले रही है।
जबकि झारखंड में आदिवासी समुदाय के बीच किसी तरह के विवाद से बचने के लिए आंदोलन पर खामोशी बनाए हुए है।
भाजपा की सहयोगी पार्टी आजसू खुलकर आंदोलन में
भाजपा की सहयोगी पार्टी आजसू के केंद्रीय महासचिव लंबोदर महतो का कहना है कि कुड़मी समुदाय के आदिवासी का दर्जा देना संवैधानिक दायित्व है।
इसके लिए पार्टी आंदोलन के समर्थन में है। भाजपा की तटस्थता पर लंबोदर महतो का कहना है कि आजसू अपने राजनीतिक मुद्दे स्वयं तय करती है।
उधर इस मुद्दे पर कांग्रेस नेतृत्व स्तर से भी सतर्कता देखी गई । वह भी कुरमी एवं आदिवासी किसी को भी नाराज नहीं करना चाहती। इसलिए स्वयं को किनारे करना ही बेहतर समझ रही है। AJSU का चूंकि आधार ही महतो वोटर है इसलिए यह पार्टी खुलकर फ्रंट पर नजर आ रही है।
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