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    चंपई सोरेन के मास्टर स्ट्रोक को फेल करने की तैयारी में BJP, बनाया स्पेशल प्लान; Caste Census में ऐसे डालेगी अड़ंगा

    Jharkhand Caste Census चंपई सोरेन ने झारखंड में जातीय जनगणना की पहल की है। कांग्रेस और राजद के समर्थन से आए इस मांग पर मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग को आगे बढ़ने के आदेश दिए हैं। इससे राज्य में भाजपा नेतृत्व को सतर्क कर दिया है। फिलहाल भाजपा इस मामले में अभी सतर्क है और किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से बच रही है।

    By Dibyanshu Kumar Edited By: Shashank ShekharUpdated: Mon, 19 Feb 2024 07:55 PM (IST)
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    चंपई सोरेन के मास्टर स्ट्रोक को फेल करने की तैयारी में BJP, बनाया स्पेशल प्लान;

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Caste Census झारखंड सरकार ने प्रदेश में जातीय जनगणना की पहल की है। कांग्रेस और राजद के समर्थन से आए इस मांग पर मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कार्मिक विभाग को आगे बढ़ने के आदेश दिए हैं। इससे राज्य में भाजपा नेतृत्व को सतर्क कर दिया है।

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    भाजपा इस मामले में अभी सतर्क है और किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से बच रही है। पार्टी से सभी बड़े नेता राष्ट्रीय परिषद की बैठक में दिल्ली गए हुए थे। मंगलवार तक सभी बड़े नेताओं के झारखंड लौटने की उम्मीद है। इस बारे में जब भाजपा नेताओं से संपर्क किया गया तो उन्होंने पूरे मामले का अध्ययन करने के बाद ही कुछ कहने की बात कही।

    निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण नहीं रहने को बनाएगी मुद्दा

    प्रदेश भाजपा प्रदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव कराने की पूर्ववर्ती हेमंत सोरेन सरकार के निर्णय का विरोध करती रही है। हालांकि चुनाव नहीं हो पाए लेकिन भाजपा ने ट्रिपल टेस्ट समेत इस मुद्दे के वैधानिक पहलुओं का जमकर विरोध किया है।

    राज्य में ओबीसी समुदाय की बड़ी आबादी है। जातीय जनगणना की विरोध कर भाजपा इस बड़े समुदाय को नाराज करने का जोखिम नहीं ले सकती है। ऐसे में सरकार को घेरने के लिए उसके निर्णय और ओबीसी वर्ग के लिए सरकारी योजनाओं की असफलता पर पार्टी फोकस कर सकती है।

    भाजपा की सहयोगी आजसू भी समर्थन में

    प्रदेश में भाजपा की सहयोगी आजसू भी जातीय जनगणना के पक्ष में रही है। हालांकि जातीय जनगणना लोकसभा चुनाव के बाद ही होना संभव है, लेकिन राज्य विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा और आजसू को इस मामले में एकराय होना होगा।

    चंपई सोरेन सरकार जनगणना से प्राप्त आंकड़ों के बाद आरक्षण की सीमा को लेकर कोई फैसला कर सकती है। इसे देखते हुए भी भाजपा को इस मामले में कोई ठोस रणनीति बनानी होगी।

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