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भाजपा का जनजाति समाज में पैठ बढ़ाने का प्लान रेडी, बिरसा मुंडा के बाद इस बड़े नायक की जयंती पर रांची में करेगी बड़ा कार्यक्रम

लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने सामाजिक समीकरण साधने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। देशभर में आदिवासी समाज को पार्टी ने संदेश देने के लिए भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की है। अब पहाड़िया समाज के नायक बाबा तिलका मांझी की जयंती पर 11 फरवरी को भाजपा रांची में जनजाति समाज का एक बड़ा कार्यक्रम कर रही है।

By Dibyanshu Kumar Edited By: Mohit Tripathi Published: Sun, 14 Jan 2024 08:20 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jan 2024 08:20 PM (IST)
कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं गृह मंत्री अमित शाह।

राज्य ब्यूरो, रांची। अगले दो तीन महीनों में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने सामाजिक समीकरण को साधने के तमाम प्रयास को अंतिम रूप देना प्रारंभ कर दिया है। देशभर में आदिवासी समाज को पार्टी ने संदेश देने के लिए भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की है।

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अब पहाड़िया समाज के नायक बाबा तिलका मांझी की जयंती पर 11 फरवरी को भाजपा रांची में जनजाति समाज का एक बड़ा कार्यक्रम कर रही है। इसमें देशभर से हजारों की संख्या में इस समाज के लोग आएंगे।

पार्टी इस कार्यक्रम के जरिए बड़ा संदेश देने की कोशिश में है। जानकारी के मुताबिक, गृहमंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हो सकते हैं।

जनजातीय गौरव दिवस पर खूंटी में थे PM

15 नवंबर 2023 को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रांची से सटे जिले खूंटी में भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू का दौरा किया था। उन्होंने इस अवसर पर देेशभर के आदिवासी समाज के लिए हजारों करोड़ की योजनाओं की घोषणा भी की थी।

भारतीय जनता पार्टी दूसरे आदिवासी नायकों को भी सम्मान देने की योजना पर काम कर रही है। झारखंड की राज्यपाल रहीं ओडिशा की द्रौपदी मुर्मु को राष्ट्रपति बनाकर पार्टी ने पहले ही संदेश दे रखा है। इन नाीतियों का लाभ छत्तीसगढ़. मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को मिला है।

कौन थे तिलका मांझी ?

भारत के औपनिवेशिक युद्धों के इतिहास में पहला आदिवासी विद्रोही होने का श्रेय पहाड़िया आदिम आदिवासी समुदाय के लड़ाकों को जाता है।

तिलका मांझी ने 1778 में पहाड़िया सरदारों से मिलकर रामगढ़ कैंप पर कब्जा करने वाले अंग्रेजों को खदेड़ कर कैंप को मुक्त कराया।

1784 में तिलका मांझी ने अंग्रेज आफिसर क्लीवलैंड को मार डाला। इसके बाद कैप्टन आयरकुट की सेना ने इन्हें पकड़ लिया तो उन्हें चार घोड़ों में बांधकर घसीटते हुए भागलपुर लाया गया।

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