झारखंडः भाजपा से मोह भंग, एनडीए से छिटक सकता है आजसू
AJSU. लोकसभा चुनाव में तीन सिटिंग सीटें मांग कर भाजपा से खफा चल रहे आजसू प्रमुख सुदेश कुमार महतो ने सत्ताधारी दल को डाला सांसत में डाल दिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के साथ ही झारखंड में सीटों के तालमेल को लेकर सियासी तूफान मचा है। एक ओर विपक्षी महागठबंधन में कुछ सीटों पर पेंच फंसा है तो दूसरी तरफ सत्तारूढ़ एनडीए भी इससे अछूता नहीं है। राजग के घटक दल आजसू पार्टी के तेवर काफी तल्ख हैं। आजसू पार्टी ने लोकसभा चुनाव में तीन सीटों पर दावेदारी कर भाजपा को चौकाया भी है।
इन सीटों में रांची, हजारीबाग और गिरिडीह शामिल है। आजसू पार्टी ने इससे भाजपा को अवगत करा दिया है। हालांकि राज्य में भाजपानीत गठबंधन सरकार में साथ रहने के बावजूद आजसू पार्टी ने ज्यादातर नीतिगत मसलों पर सरकार की खिंचाई की है। चाहे वह जमीन संबंधी कानून में संशोधन का मसला हो या स्थानीयता नीति, आजसू ने इसका विरोध किया है। आजसू प्रमुख सुदेश कुमार महतो सरकार को घेरने का कोई मौका चूकते नहीं।
भाजपा और आजसू पार्टी की आपसी तल्खी उस वक्त भी उजागर हुई थी जब सिल्ली और गोमिया विधानसभा उपचुनाव में दोनों दलों के बीच पूर्ण तालमेल नहीं हो पाया था। इससे दोनों सहयोगी दलों के आपसी रिश्तों में खटास बढ़ी। अब लोकसभा चुनाव में तीन सीटों पर दावेदारी से भाजपा के समक्ष धर्मसंकट की स्थिति होगी। ये तीनों सीटें फिलहाल भाजपा के कब्जे में है। किसी भी हालत में भाजपा इसे आजसू को देने से परहेज करेगी।
कांग्र्रेस नेताओं के संपर्क में आजसू
बदले सियासी माहौल में आजसू पार्टी ने नए राजनीतिक दोस्त तलाशने भी आरंभ किए हैं। इस सिलसिले में आजसू प्रमुख सुदेश कुमार महतो ने नई दिल्ली जाकर प्रदेश कांग्र्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह और सह प्रभारी उमंग सिंघार से मुलाकात की है। आजसू के नेता इसपर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। मुलाकात नई दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश भवन में हुई है। उस दौरान वहां मौजूद एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर इसकी पुष्टि की।