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    Jharkhand Politics: 'सपने देख रही बीजेपी, घबरा गए हैं शिवराज-हिमंत'; JMM का भाजपा नेताओं पर निशाना

    Updated: Thu, 18 Jul 2024 09:58 AM (IST)

    झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान और हिमंत बिस्वा सरमा पर बड़ा हमला बोला है। जेएमएम नेता विनोद पांडेय ने कहा है कि शिवराज सिंह चौहान को अपने शासनकाल के घोटालों पर मुंह खोलना चाहिए जबकि हिमंत बिस्वा सरमा को असम के लोगों की चिंता करनी चाहिए। विनोद पांडेय ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री बाढ़ पीड़ितों को छोड़कर यहां राजनीति कर रहे हैं।

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    केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भाजपा नेताओं के आरोपों पर पलटवार किया है। महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि ये फिर से राज्य में सत्ता में आने का सपना देख रहे हैं। सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अपार लोकप्रियता से भाजपा के सारे नेता घबरा गए हैं। इसी बौखलाहट में बाहर से आए शिवराज सिंह चौहान और हिमंता बिस्वा सरमा अनर्गल बयान दे रहे हैं।

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    उन्होंने कहा कि इन्हें आदिवासियों की चिंता सता रही है तो मध्य प्रदेश और असम में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को रोकने की पहल क्यों नहीं करते हैं। मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर लगातार हमले और अत्याचार हुए।

    'असम में आदिवासियों की स्थिति बहुत खराब'

    उन्हें जल, जंगल, जमीन से बेदखल किया जा रहा है। असम में स्थानीय आदिवासियों की स्थिति बहुत खराब है। वहां झारखंड से गए आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति तक का दर्जा नहीं है। उन्हें टी-ट्राइब कहा जाता है।

    'बाढ़ पीड़ितों तो छोड़कर यहां राजनीति कर रहे'

    विनोद पांडेय ने यह भी कहा कि असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा अपने राज्य के बाढ़ पीड़ितों को छोड़कर यहां राजनीति कर रहे हैं। दोनों नेताओं को यह देखना चाहिए कि लोकसभा चुनाव में ये आधे हो गए। राज्य की सभी आदिवासी आरक्षित सीटों पर भाजपा चुनाव हार गई। आगामी विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election 2024) में इनका पूरी तरह सफाया हो जाएगा। भाजपा को राज्य में अपने नेताओं पर भरोसा नहीं है।

    झामुमो नेता ने कहा कि जनता की अदालत में जब ये हार गए तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फर्जी मामले में फंसाने की कोशिश की गई। ये घुसपैठ और डेमोग्राफी में बदलाव की बात किस मुंह से रहे हैं।

    उन्होंने कहा, इन्हें बताना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद घुसपैठ कैसे हो रहा है? यह इनका राजनीतिक शिगूफा है। भाजपा की नफरत फैलाने की राजनीति को देश और राज्य के लोग समझ गए हैं।

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