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    IPS अधिकारी के आरोपों पर घिरी हेमंत सरकार, भाजपा ने लगाया लीपापोती करने का आरोप

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 08:31 AM (IST)

    भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड के एक आईपीएस अधिकारी पर सुरक्षा उपकरणों की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों को दबाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बाजार मूल्य से कई गुना ज्यादा भुगतान किया गया। जांच समिति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार को छिपाने का आरोप लगाया।

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     IPS अधिकारी के आरोपों पर घिरे हेमंत सोरेन। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, रांची। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड कैडर के एक आइपीएस अधिकारी द्वारा व्हिस्ल ब्लोअर एक्ट के तहत सुरक्षा उपकरणों की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप की लीपापोती का आरोप लगाया।

    सोमवार को प्रेस वक्तव्य जारी कर उन्होंने कहा कि सुरक्षा उपकरणों की खरीद में बाजार मूल्य से चार गुना से पांच गुना ज्यादा भुगतान किया गया है।

    उन्होंने आरोप लगाया कि शुरुआत में तो महीनों तक सरकार ने इन आरोपों पर संज्ञान ही नहीं लिया। बाद में जब दबाव बढ़ा तो जिस अधिकारी पर आरोप लगाए गए थे, उससे कनीय अधिकारी आइजी नरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में जांच समिति बनवा दी गई।

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    भारी हंगामे के बाद सरकार ने समिति बदली और एडीजी स्तर के अधिकारी टी कांडास्वामी को अध्यक्ष बनाया। लेकिन वे लंबे समय तक अवकाश पर रहे थे, जिससे जांच की गति ठहर गई।

    जानकारी के अनुसार समिति की एक भी बैठक अभी तक नहीं हुई है। यह सब दर्शाता है कि सरकार गंभीर जांच चाहती ही नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने में जुटी है।

    उन्होंने कहा कि व्हिस्ल ब्लोअर एक्ट का मूल उद्देश्य है कि कोई भी अधिकारी अथवा कर्मचारी यदि भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करता है तो उसे हर स्तर पर संरक्षण मिले और उसकी पहचान सार्वजनिक न की जाए, लेकिन झारखंड में इसके ठीक उलट सरकार ने व्हिस्ल ब्लोअर अधिकारी को असुरक्षित करने और आरोपित को बचाने का काम किया है।