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Biological Park Ranchi: पसंदीदा पिकनिक स्‍पॉट बना बायोलॉजिकल पार्क, जानें नए साल पर क्या है तैयारी

Biological Park Ranchi रांची का जैव विविधता उद्यान 542 एकड़ भूमि में फैला है और इसमें 105 प्रजाति व 38 प्रकार की वनस्पति मौजूद है। जबकि यहां हर दिन 300 से 400 सैलानी आते है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 12:52 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 08:33 AM (IST)
Biological Park Ranchi: पसंदीदा पिकनिक स्‍पॉट बना बायोलॉजिकल पार्क, जानें नए साल पर क्या है तैयारी
Biological Park Ranchi: पसंदीदा पिकनिक स्‍पॉट बना बायोलॉजिकल पार्क, जानें नए साल पर क्या है तैयारी

रांची, जेएनएन। आप यदि वर्ष के अंतिम दिनों और नए वर्ष की अच्छी शुरुआत के लिए कहीं घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो राजधानी रांची से सटे तुपुदाना नामकुम रिंग रोड स्थित खटंगा गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर प्राकृतिक जंगल को विकसित जैव विविधता उद्यान आपके स्वागत के लिए तैयार है।

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शहर के भीड़ भाड़ से दूर आप जैसे ही बायो डायवर्सिटी में प्रवेश करते हैं सारा थकान एवं तनाव भूलकर साल के घने जंगलों के बीच लकड़ी एवं बांस से बने सुंदर से चौपाल में बैठकर प्रकृति का आनंद लेते ले सकते हैं। यदि कुछ खाने का मन किया तो महिला समिति की ओर से लगाए गए स्टॉल से स्नैक, चिप्स, कोल्डड्रिंक्स आदि ले सकते है। 

सुरम्यवादियों में स्थित जैव विविधता उद्यान दूर से ही अपनी अलग पहचान की झलक देता है। प्राकृतिक वन संपदा से संपन्न इस पार्क का उद्देश्य लुप्तप्राय देसी-विदेशी वनस्पतियों का संरक्षण है। यह वनस्पति विज्ञानियों व शोधार्थियों को शोध के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है। तुपुदाना के लालखटंगा व गढख़टंगा की 542 एकड़ भूमि में फैले इस पार्क में 105 प्रजातियों व 38 परिवारों के वनस्पति मौजूद हैं। यहां संरक्षित वनस्पतियों को एथनोबॉटनी से भी जोड़ा गया है, ताकि जंगलों में वनस्पति आधारित चिकित्सा करने वाले होड़ोपैथ विशेषज्ञों को भी लाभ मिल सके। यहां वनस्पतियों के स्थानीय नाम, वैज्ञानिक नाम, उनके परिवार का परिचय, पाए जानेवाले स्थान का नाम आदि भी दिया गया है। पॉर्क में देसी-विदेशी घास, बांस, औषधीय पौधे, पुष्प, दुर्लभ वनस्पतियों की अलग-अलग नर्सरी हैं।

देसी-विदेशी बांस की 24 प्रजातियां

पार्क में देश-विदेश के बांसों की 24 प्रजातियां संरक्षित हैं। पूरी दुनिया में बांस की 120 प्रजातियों की जानकारी है। इसमें सजावट से लेकर पारंपरिक बांस की नस्लें शामिल हैं। घास की कई नस्लें भी उद्यान में हैं। हालैंड से मंगाई गई दूब घास पार्क की शान है। लेमन ग्रास, एलोविरा, भेंगराज, सदाबहार, गुलैची, हडज़ोड़वा, पत्थर चूर आदि यहां हैं। इसके अतिरिक्त खैर, बबूल, अरार, बेल, चापूट, कंथल, नीम, पलास, कोईनार, पीआर, जावा, देवदार, शमी, लाल चंदन, कनक चंपा, जारूल, बकैंन, महुआ, आम आदि की विभिन्न नस्लें भी हैं।

प्रकृति से जुड़ाव

प्रकृति से जुड़ाव इस पॉर्क की विशेषता है। पार्क में दुर्लभ देसी-विदेशी वनस्पतियों को संरक्षित किया गया है। वहीं, इसके विस्तार क्षेत्र में सखुआ का सघन प्राकृतिक जंगल व कई छोटे-मोटे पहाड़ इसे मनोरम बनाते हैं। पार्क को रोशन करने के लिए सौर ऊर्जा संयत्र लगाया गया है।

स्थानीय युवकों का योगदान

पार्क का फैलाव 542 एकड़ में है, पर फिलहाल दो सौ एकड़ को विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस कार्य में आसपास के गांवों के वन संरक्षण को समर्पित युवाओं का योगदान वन अधिकारियों को मिल रहा है। वन विभाग ने ऐसे 32 युवाओं को बतौर दैनिकभोगी मजदूर या गार्ड के रूप में रखा है। एलेक्जेंडर तिर्की को वन संरक्षण संबंधी विशिष्ट कार्य के लिए वन विभाग ने पुरस्कृत भी किया है। एलेक्जेंडर स्थानीय वन समिति के अध्यक्ष भी हैं और आसपास के गांवों में वन विस्तार और वन संरक्षण कार्यो के लिए जाने जाते हैं।

झरना का सुंदर नजारा

सनसेट प्वाइंट के तरफ पहाड़ों के बीच से गिरते झरना का भी पर्यटक सुंदर नज़ारा देख सकते है।

गुलाब वाटिका

गुलाब वाटिका में 52 तरह के रंग बिरंगे गुलाब की प्रजाति मौजूद है।

कमल उद्यान

कमल उद्यान में 18 प्रजाति के रंग बिरंगे कमल फूल मौजूद है।

जापानी गार्डन

जापानी गार्डन बरबस ही सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। सैलानियों को लगता है जैसे वह जापान में आ गए  है।

बांस उद्यान

बांस उद्यान में 25 प्रकार के देसी-विदेशी बांस मौजूद हैं, जिसमें मुख्य रूप से काला बांस ,पीला बांस, व  गठीला बांस, जिसे बुद्धा बांस कहा जाता है। पाम और कैक्टस जोन भी अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यहां विभिन्न तरह के देसी-विदेशी पाम व कैक्टस की प्रजाति मौजूद है।

आकर्षण का केंद्र है धन्वंतरि उद्यान

जैव विविधता उद्यान में प्रवेश करते ही दाहिने ओर धन्वंतरि औषधीय उद्यान की भीनी भीनी खुशबू आपको अपनी ओर आकर्षित करेगी। इस उद्यान में आयुर्वेद के विलुप्त प्राय: औषधीय पौधों को संरक्षित किया गया है। इन पौधों में अश्वगंधा,सर्पगंधा, गुलमोहर, अपराजिता, हड़ जोर, गंधप्रसारनी, सिंदूर, मूसली,आदि मौजूद है।

सूर्यास्त का मनोरम दृश्य

यदि सूर्यास्त का मनोरम दृश्य देखना हो तो जैव विविधता उद्यान के दक्षिण पश्चिम पहाड़ी पर चढ़कर सूर्यास्त का मनोरम दृश्य अवलोकन कर सकते हैं। घनी वादियों में सूर्यास्त का दृश्य आपको नेतरहाट का एहसास करा देगा।

झूले का लें आनंद

पत्थरों को तराशकर बनाए गए बाघ,भालू,मोर आदि बच्चो को अपार खुशी देती है। वहीं बच्चों के लिए बनाए गए झूले का आनंद ले सकते हैं। मुख्य गेट के बायीं ओर पे टिकट काउंटर है। 


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