Bihar assembly election 2025: झारखंडी नेताओं की बढ़ी डिमांड, भाजपा और कांग्रेस रणनीति के तहत सौंपी कमान
बिहार चुनाव में झारखंड के नेताओं की मांग बढ़ गई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इन्हें रणनीति के तहत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप रही हैं। भाजपा ने कई नेताओं को चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी है, वहीं कांग्रेस भी अपने अनुभवी नेताओं का इस्तेमाल कर रही है। इन नेताओं की स्थानीय समझ चुनाव में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

बिहार विधानसभा चुनाव की जंग में झारखंड के नेता प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। बिहार विधानसभा चुनाव की जंग में झारखंड के दिग्गज नेता प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। भाजपा, कांग्रेस और जदयू जैसे दलों ने इन नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी हैं, जो न केवल चुनावी माहौल को गर्म कर रहे हैं, बल्कि गठबंधनों की रणनीतियों को नई दिशा भी दे रहे हैं।
हालांकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) सीट न मिलने के कारण इस मुहिम से दूर हो गया है। झारखंडी नेताओं की संगठन क्षमता और स्थानीय मुद्दों की समझ बिहार के मतदाताओं को प्रभावित कर रही है, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में खासतौर पर दिख रहा है।
बिहार की 243 सीटों पर होने वाले इस चुनाव में झारखंड के नेता अप्रत्याशित रूप से सुर्खियों में हैं। भाजपा और कांग्रेस ने संगठनात्मक स्तर पर अपनी मुहिम तेज कर दी है। इन दलों ने झारखंडी नेताओं को प्रचार और रणनीति निर्माण की कमान सौंपी है।
उदाहरण के लिए, भाजपा ने झारखंड इकाई के वरिष्ठ नेताओं को सीमांचल और कोसी क्षेत्रों में तैनात किया है, जहां प्रवासी मजदूरों का बड़ा वोट बैंक है। यहां रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, भाजपा के राज्यसभा सदस्य डा. प्रदीप वर्मा समेत कई प्रमुख नेता सक्रियता दिखा रहे हैं और क्षेत्र में कैंप कर रहे हैं।
आलाकमान ने पूर्व से ही राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश को सह संगठन प्रभारी की जिम्मेदारी दी है। वे झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अतिरिक्त चुनावी रणनीति बनाने में माहिर कार्यकर्ताओं को भी बिहार विभिन्न जिलों में तैनात किया गया है।
कांग्रेसी मंत्री कर रहे कैंप
कांग्रेस ने भी मतदाताओं को लक्षित करने के लिए अपने नेताओं को मैदान में उतारा है। राज्य सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री भी इस मुहिम में लगाए गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय को भी जिम्मेदारी दी गई है।
मंत्री इरफान अंसारी कटिहार में पार्टी के पर्यवेक्षक बनाए गए हैं। पार्टी अल्पसंख्यक युवाओं में उनकी लोकप्रियता का लाभ उठा रही है। वे अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में लगातार जनसभाएं और रोड शो कर रहे हैं।
बिहारशरीफ में रोड शो के दौरान उन्होंने लालू शासनकाल को जंगलराज कहने पर जवाब देते हुए वर्तमान सरकार को राक्षसों का राज करार दिया। इसके बाद भाजपा ने भी उन्हें निशाने पर लिया।
जदयू के सरयू राय भी कर रहे प्रचार
जदयू के दिग्गज नेता और जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय भी बिहार में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। बिहार में राजनीति का उनका लंबा अनुभव रहा है।
उन्होंने नालंदा में पार्टी प्रत्याशी श्रवण कुमार, इस्लामपुर में रूहेल रंजन, संदेश में राधाचरण साह समेत डुमरांव और शाहपुर में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में व्यापक चुनाव प्रचार किया है।
सरयू राय का दावा है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से एनडीए की सरकार बनेगी। बिहार के लोग नीतीश सरकार के कामकाज से काफी खुश हैं। यही वजह है कि उनके विरोधी भी उनके विरुद्ध कुछ भी बोलने से हिचकते हैं।

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