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    Jharkhand News: झारखंड के रांची में सूख गई सपही नदी... बूंद-बूंद पानी के लिए हाहाकार... पांच पंचायतों की बुझती थी प्यास

    By M EkhlaqueEdited By:
    Updated: Mon, 18 Apr 2022 04:45 PM (IST)

    Water Crisis In Jharkhand झारखंड भीषण गर्मी से जूझ रहा है। कई जिलों का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पार कर गया है। इस बीच बुरी खबर यह है कि पांच पंचायतों ...और पढ़ें

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    Jharkhand News: झारखंड के रांची जिले में सूख गई सपही नदी...

    रांची/खलारी, जागरण संवाददाता। SAPHI RIVER Dried Up In Ranchi District रांची जिले के खलारी प्रखंड की पांच पंचायतों में जलसंकट गहरा गया है। यह स्थिति सपही नदी के सूखने से उत्पन्न हुई है। नदी की जलधारा अब रेत के नीचे चली गई है। प्रखंड के बुकबुका स्थित पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के 5.5 एमएलडी क्षमता के फिल्टर प्लाट सह जलमीनार से प्रखंड की पांच पंचायतों के लगभग 50 हजार आबादी को पानी सप्लाई की जाती है। इस फिल्टर प्लांट को सपही नदी से पानी मिलता है। सपही नदी में ही बनाए गए संप के मोटर पंप के माध्यम से पानी प्लांट तक लाया जाता है।

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    सपही नदी के ऊपर बहने वाली जलधारा सूख चुकी है

    संप में नदी की धारा से पानी लाई जाती है। वर्तमान स्थिति यह है कि सपही नदी के ऊपर बहने वाली जलधारा सूख चुकी है। नदी की भीतरी धारा से पानी लेने के लिए अभी तक मशीन से नदी की खुदाई नहीं की गई है। नदी की रेत हटाने से भी बड़ी मुश्किल से पानी जमा हो पाता है। प्लांट को जितने पानी की आवश्यकता है, उसका दस फीसद पानी भी अभी नहीं मिल पा रहा है। किसी तरह जलमीनार भरती है, तो दूसरे-तीसरे दिन पानी सप्लाई की जाती है। प्लांट के आपरेटर का कहना है कि अगले पंद्रह दिनों में बारिश नहीं हुई तो सपही की आंतरिक जलधारा से भी पानी नहीं मिल पाएगा। ऐसे में अगले 15 दिनों बाद पानी की सप्लाई पूरी तरह बंद हो जाने की आशंका है।

    सपही नदी में चेकडैम बनाना ही उपाय

    खलारी की पांच पंचायतों के लिए करोड़ों खर्च कर बनाए गए इस वाटर फिल्टर प्रोजेक्ट के प्लानिंग में ही त्रुटि रह गई है। पानी प्रतिदिन चाहिए। वहीं, प्रोजेक्ट उस सपही नदी पर निर्भर है, जो प्रत्येक वर्ष पूरी तरह सूख जाती है। गर्मी बढ़ते ही नदी की आंतरिक जलधारा भी सूखने लगती है। प्लांट की क्षमता 55 लाख लीटर पानी प्रतिदिन की है। ऐसे में कभी लोगों को नियमित पानी नहीं मिल पाएगा। जानकार बताते हैं कि जिस जगह पर नदी में संप बनाया गया है, वहां चेकडैम बना दिया जाए तो संप के लिए पानी की कभी कमी नहीं होगी। संयोग से इस जगह नदी की चौड़ाई भी अपेक्षाकृत कम है। जिससे चेकडैम की लागत भी कम आएगी। प्लांट के इनपुट वाटर पर गंभीरता से विचार कर पहल नहीं की गई, तो यह प्रोजेक्ट सार्थक नहीं हो पाएगा।

    समय से 15 दिन पहले सूखी सपही नदी

    खलारी की जीवनधारा कही वाली सपही नदी समय से 15 दिन पहले ही सूख गई है। वैसे ही यह नदी प्रत्येक वर्ष मई माह में सूख जाती थी। पर, इस बार अप्रैल माह में ही सूख गई। इससे यहां के लोग खासे चिंतित हैं। उन्हें लग रहा है अब उन्हें लगभग डेढ़ माह तक जल संकट से जूझना होगा। हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि पीएचईडी नदी को खोदकर पानी निकालेगा और उनकी समस्या दूर होगी।