Jharkhand Education: बीआरपी पर आया बड़ा अपडेट, आउटसोर्सिंग से बहाल रांची के 18 तथा देवघर के तीन बीआरपी की सेवा खत्म
आउटसोर्सिंग से बहाल रांची के 18 तथा देवघर के तीन बीआरपी की सेवा समाप्त कर दी गई है। समग्र शिक्षा अभियान के तहत आउटसोर्सिंग के माध्यम से बहाल किए गए 21 प्रखंड साधन सेवियों (बीआरपी) की सेवा समाप्त करने का आदेश दिया गया है। इनमें रांची के 18 तथा देवघर के तीन बीआरपी सम्मिलित हैं।

राज्य ब्यूरो, रांची । समग्र शिक्षा अभियान के तहत आउटसोर्सिंग के माध्यम से बहाल किए गए 21 प्रखंड साधन सेवियों BRP की सेवा समाप्त करने का आदेश दिया गया है। इनमें रांची के 18 तथा देवघर के तीन बीआरपी सम्मिलित हैं।
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक शशि रंजन ने इनकी संख्या स्वीकृत पदों से अधिक होने का हवाला देते हुए एक अगस्त से सेवा समाप्त करने के निर्देश सेवा देनेवाली एजेंसी मेसर्स जेएमडी सर्विसेज लिमिटेड को दिए हैं।
इसे लेकर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दोनों जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भी दिए गए हैं।निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा है कि रांची में बीआरपी के 24 स्वीकृत पद हैं। इन सभी पदों पर अनुबंध पर बीआरपी पहले से कार्यरत हैं।
जबकि यहां आउटसोर्सिंग पर 18 अतिरिक्त बीआरपी की सेवा ली जा रही है। इसी तरह, देवघर में बीआरपी के 25 पद स्वीकृत हैं। वहां अनुबंध पर 15 बीआरपी पहले से कार्यरत हैं, जबकि आउटसोर्सिंग के माध्यम से वहां 18 अन्य बीआरपी की सेवा ली जा रही है।
इस तरह, रांची में 18 और देवघर में अतिरिक्त तीन बीआरपी काम कर रहे हैं। आउटसोर्सिंग पर सभी बीआरपी वर्ष 2019 में बहाल किए गए थे। निदेशक ने बकायदा हटाए जानेवाले बीआरपी की सूची भी एजेंसी और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दी है।
इधर, अचानक इस कार्रवाई से प्रभावित आउटसोर्सिंग बीआरपी में रोष है। उनका सवाल है कि जब संख्या अतिरिक्त थी, तो उन्हें क्यों बहाल किया गया। उनका यह भी कहना है कि इतने वर्षों तक सेवा देने के बाद अब उनके समक्ष बेरोजगारी का संकट खड़ा हो गया है।
उम्र भी अधिक हो गई है, जिससे कहीं नौकरी भी नहीं मिलेगी। रांची में हटाए गए बीआरपी ने समग्र शिक्षा अभियान की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए निर्णय का हवाला देते हुए यह भी कहा है कि इसमें प्रत्येक प्रखंड में तीन-तीन पद स्वीकृत किए गए हैं। इस तरह, अतिरिक्त संख्या होने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने निदेशक से इस आदेश को वापस लेने की मांग की है।
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