कोरोना से बचाव का मूल मंत्र, सावधान रहें- जागरुक बनें; जानें चिकित्सक की राय
Garhwa Jharkhand News Coronavirus Update इस महामारी से बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अत्यधिक सतर्क एवं जागरूक रहने की जरूरत है। इसके लिए अच्छी क्वालिटी के मास्क का सही तरीके से उपयोग करें और शारीरिक दूरी बनाए रखें।
मेराल (गढ़वा), जासं। Garhwa Jharkhand News, Coronavirus Update कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सतर्कता एवं जागरुकता के साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश का पालन करना आवश्यक है। ऐसा कर हम स्वयं के साथ दूसरे को सुरक्षित रख सकते हैं। ऐसा कहना है सीएचसी मेराल के चिकित्सा प्रभारी डाॅ. दीपक सिन्हा का। कोरोना संक्रमण से कैसे बचा जाए, इसके बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस महामारी से बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अत्यधिक सतर्क एवं जारुक रहने की जरूरत है।
इसके लिए अच्छी क्वालिटी के मास्क का सही तरीके से उपयोग, शारीरिक दूरी बनाए रखना, कुछ ही अंतराल के बाद हाथ धोना, भीड़-भाड़ से दूरी बनाए रखना, छींकते व खांसते वक्त टिशू या रूमाल का प्रयोग करने से इस बीमारी से बचाव संभव है। इस तरह की सावधानी से कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि सर्दी, खांसी या बुखार होने तथा चलने में सांस फूलने लगे तो शीघ्र विशेषज्ञ चिकित्सक से मिलें, ताकि सही समय पर जांच एवं इलाज कर संक्रमण को रोका जा सके।
डाॅ. दीपक सिन्हा ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण अत्यंत खतरनाक है। इसलिए झोलाछाप चिकित्सक से इलाज न करा कर सीधे विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलें, ताकि समय पर इलाज कर जान को बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि कोविड का लक्षण पता चलते ही तुरंत अपने आप को आइसोलेट कर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करें। जब भी सांस लेने में दिक्कत होने लगे तो तुरंत पेट के बल लेटें। ऐसा करने से सांस की तकलीफ कम होती है।
शुद्ध एवं शाकाहार भोजन के साथ नियमित व्यायाम एवं शारीरिक श्रम से शरीर का इम्यून सिस्टम दुरुस्त रहता है। यह कोरोना संक्रमण से बचाव में काफी लाभदायक होता है। उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति का कांटेक्ट ट्रेसिंग से पता चल रहा है कि शादी विवाह तथा भीड़-भाड़ में शामिल होने के कारण संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसलिए आवश्यक है कि भीड़-भाड़ से बचें तथा अनावश्यक घर से बाहर ना निकलें। संक्रमितों की संख्या काफी तेजी से बढ़ने के कारण आवश्यक संसाधन कम पड़ने लगे हैं। इसलिए सावधानी एवं जागरुकता ही इस महामारी से बचाव का मूल मंत्र है।