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    Basant Panchami 2021: मां शारदा के आगमन में एक माह से भी कम समय, जानें कब है बसंत पंचमी-मां सरस्‍वती पूजा का शुभ मुहूर्त

    By Sujeet Kumar SumanEdited By:
    Updated: Wed, 20 Jan 2021 08:09 PM (IST)

    Basant Panchami 2021 Saraswati Puja Date इस पर्व को श्री पंचमी या सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।‌ मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इस शुभ दिन के साथ ही वसंत ऋतु की शुरुआत होती है।

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    बसंत पंचमी के साथ ही वसंत ऋतु की शुरुआत होती है।

    रांची, जासं। विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती का आगमन होने वाला है। प्रकृति धीरे-धीरे माता के आगमन की तैयारी करने लगी है। अब इसमें एक माह से भी कम का समय शेष रह गया है। बसंत पंचमी का त्योहार हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह महात्योहार आगामी 16 फरवरी, 2021 मंगलवार को मनाया जाएगा। इस पर्व को श्री पंचमी या सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।‌ मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इस शुभ दिन के साथ ही वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। बसंत पंचमी के दिन नए कार्य को शुरू करना बेहद शुभ माना जाता है।

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    यह बन रहा शुभ संयोग

    पंडित अवधेश पांडे ने बताया कि आगामी 16 फरवरी को सुबह 3 बजकर 36 मिनट पर पंचमी तिथि रहेगी। अगले दिन यानी 17 फरवरी को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर यह समाप्त होगी। ऐसे में पंचमी तिथि 16 फरवरी को पूरे दिन रहेगी। इस साल बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त करीब साढ़े पांच घंटे तक रहेगा। राजधानी रांची में पूजा मुहूर्त 16 फरवरी की सुबह 6 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।

    रांची में पूजा का ये होगा शुभ मुहूर्त

    राजधानी रांची में पूजा मुहूर्त 16 फरवरी की सुबह 06 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।

    मनोकामनाएंं होंगी पूरी

    मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को पीले रंग के वस्त्र अर्पित किए जाएंगे। रोली, चंदन, हल्दी, केसर, चंदन, पीले या सफेद रंग के पुष्प, पीली मिठाई और अक्षत अर्पित किए जाएंगे। पूजा के स्थान पर वाद्ययंत्र और किताबों को अर्पित किया जा सकता है। मां सरस्वती की वंदना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

    शास्त्रों में ये है मान्यता

    दरअसल हिंदू धर्मशास्त्रों में बसंत पंचमी के खास दिन को ज्ञान और शिक्षा से जोड़ते हैं। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

    बनने लगीं मां शारदे की प्रतिमाएं

    सरस्वती पूजा को लेकर राजधानी रांची के मूर्तिकारों ने मां शारदे की प्रतिमाओं का निर्माण शुरू कर दिया है। एक फीट से लेकर पांच फीट तक की प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है। मूर्तिकारों ने उम्मीद जताई है कि सरस्वती पूजा तक कोरोना का प्रकोप बहुत हद तक कम हो जाएगा और भव्य व सामूहिक रूप से मां सरस्वती की पूजा अर्चना हो पाएगी।