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    Adani Power: बांग्लादेश ने अडानी पावर का बकाया चुकाया, झारखंड के गोड्डा प्लांट से पूर्ण बिजली आपूर्ति बहाल

    Updated: Wed, 02 Jul 2025 07:13 PM (IST)

    बांग्लादेश ने भारत के अडानी पावर के साथ अपने भुगतान विवाद को सुलझा लिया है। इससे बिजली Adani Power Plant आपूर्ति को लेकर अनिश्चितता खत्म हो गई है। 437 मिलियन डालर के रिकार्ड भुगतान से झारखंड के गोड्डा विद्युत उत्पादन संयंत्र से बिजली आपूर्ति को लेकर अनिश्चितता खत्म हो गई है। इस भुगतान के साथ बांग्लादेश पर अब कोई बकाया नहीं है।

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    झारखंड के गोड्डा विद्युत उत्पादन संयंत्र से बिजली आपूर्ति को लेकर अनिश्चितता खत्म हो गई है।

    राज्य ब्यूरो, रांची। बांग्लादेश ने भारत के अडानी पावर के साथ अपने भुगतान विवाद को सुलझा लिया है, जिससे झारखंड के गोड्डा विद्युत उत्पादन संयंत्र से बिजली आपूर्ति को लेकर अनिश्चितता खत्म हो गई है। बांग्लादेश ने जून माह में 437 मिलियन डालर का रिकार्ड एकल भुगतान किया।

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    इसमें बकाया बिल, ट्रांसमिशन शुल्क और बिजली खरीद समझौते (पीपीए) से संबंधित सभी मुद्दों का निपटारा शामिल है। इस भुगतान के साथ बांग्लादेश पर अब कोई बकाया नहीं रह गया है। पिछले कुछ वर्षों में बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति के लिए भुगतान में देरी के कारण अडानी पावर ने नवंबर, 2024 में अपनी आपूर्ति को आधा कर दी थी।

    उस समय बकाया राशि करीब 900 मिलियन डालर थी। हालांकि, जुलाई 2024 से बांग्लादेश ने 90-100 मिलियन डालर मासिक भुगतान शुरू किया और जून 2025 में 437 मिलियन डालर का भुगतान कर सभी बकाया चुकता कर दिए।

    इसके अतिरिक्त, बांग्लादेश ने दो महीने के बिलों के बराबर (लगभग 180 मिलियन डालर) का लेटर आफ क्रेडिट (एलसी) और सभी बकाया राशि के लिए सावरेन गारंटी प्रदान की है। इन उपायों ने भविष्य में समय पर भुगतान सुनिश्चित करने की दिशा में विश्वास बढ़ाया है।

    गोड्डा संयंत्र है बांग्लादेश की ऊर्जा जरूरतों का आधार

    अडानी पावर का गोड्डा विद्युत उत्पाद संयंत्र 1600 मेगावाट की क्षमता वाला एक कोयला आधारित संयंत्र है। यह संयंत्र बांग्लादेश की लगभग 10% बिजली की मांग को पूरा करता है। पांच नवंबर, 2017 को हस्ताक्षरित पीपीए के तहत इस संयंत्र को विशेष रूप से बांग्लादेश को 25 वर्षों तक बिजली आपूर्ति के लिए बनाया गया था।

    अप्रैल, 2023 से शुरू हुई आपूर्ति ने बांग्लादेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कमी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मार्च, 2025 में पूर्ण आपूर्ति बहाल होने के बाद बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) ने अडानी से दोनों 800 मेगावाट इकाइयों को पूरी क्षमता से संचालित करने का अनुरोध किया है।

    आर्थिक और राजनैतिक चुनौतियों के बीच समाधान

    बांग्लादेश ने 2022 के रूस-यूक्रेन युद्ध और अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद आर्थिक संकट का सामना किया, जिसके कारण विदेशी मुद्रा भंडार कम हुआ। इसने बिजली और कोयले जैसे आयातों के भुगतान को प्रभावित किया। अंतरिम सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 4.7 बिलियन डॉलर के मौजूदा बेलआउट पैकेज के अतिरिक्त तीन बिलियन डालर के ऋण की मांग की। इन प्रयासों ने बांग्लादेश को भुगतान नियमित करने में मदद की।

    अडानी पावर की वित्तीय स्थिति हुई मजबूत

    बांग्लादेश से भुगतान के साथ ही अडानी पावर की वित्तीय स्थिति मजबूत हुई है और ऋणदाताओं को कंपनी की क्रेडिट रेटिंग को एए से एए प्लस तक बढ़ाने का भरोसा है। गोड्डा संयंत्र अब बांग्लादेश की बिजली प्रणाली में पूरी तरह से एकीकृत है और बीपीडीबी के मेरिट आर्डर डिस्पैच डेटा के अनुसार यह प्रतिस्पर्धी दरों पर बिजली प्रदान करता है। इस समाधान ने भारत-बांग्लादेश ऊर्जा सहयोग को भी मजबूत किया है।

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