स्कूलों के 100 मीटर की परिधि में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाएं, शिक्षा सचिव ने डीसी-एसपी को दिए निर्देश
शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने सभी स्कूलों की 100 मीटर की परिधि में सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश सभी जिलों के उपायुक्तों और वरीय पुलिस अधीक्षकों तथा पुलिस अधीक्षकों को दिया है। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान के दिशा-निर्देशाें के तहत त्रिस्तरीय धावादलों द्वारा अभियान चलाकर इसे सुनिश्चित करने को कहा है।

राज्य ब्यूरो, रांची। शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने सभी स्कूलों की 100 मीटर की परिधि में सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश सभी जिलों के उपायुक्तों और वरीय पुलिस अधीक्षकों तथा पुलिस अधीक्षकों को दिया है।
उन्होंने पदाधिकारियों को पत्र लिखकर राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान के दिशा-निर्देशाें के तहत त्रिस्तरीय धावादलों द्वारा अभियान चलाकर इसे सुनिश्चित करने को कहा है।
शिक्षा सचिव ने हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा स्वीकृत विधेयक के प्रविधानों का भी हवाला देते हुए कहा है कि इसके तहत शैक्षणिक संस्थानों की 100 मीटर की परिधि में सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री दंडनीय अपराध है।
इस अपराध पर एक हजार रुपये दंड का भी प्रविधान है। उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि शैक्षणिक संस्थानों में तंबाकू के प्रतिबंध को लागू कराने में सोशियाे इकोनामिक एंड एजुकेशन डवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) का तकनीकी सहयोग लिया जा सकता है।
उन्होंने इसे लेकर पूर्व में जारी मार्गदर्शिका का भी उल्लेख करते हुए उसके अनुपालन का निर्देश दिया है। इस मार्गदर्शिका में स्कूलों में शिक्षकों के तंबाकू के उपयोग पर रोक लगाने की बात कही गई है।
अस्पताल या अन्य सार्वजनिक भवनों पर भी लागू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जून माह में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण विनियमन) (झारखंड संशोधन) विधेयक, 2021 पर अपनी स्वीकृति प्रदान की थी, जिसके बाद यह संशोधन लागू हो गया है।
इसमें प्रविधान किया गया है कि कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू या इसके उत्पादों का सेवन नहीं करेगा। साथ ही स्कूल, अस्पताल, सार्वजनिक कार्यालय के 100 मीटर पर बिक्री पर प्रतिबंध होगा।
अधिनियम के उल्लंघन करने पर दंड की सीमा भी पांच गुना बढ़ाकर दो सौ से एक हजार रुपये कर दी गई है। इसमें 21 वर्ष से कम आयु के लोगों को तंबाकू बेचना दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। साथ ही हुक्का बार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
स्कूल परिसर के बाहर बिक्री पर रोक इसलिए जरूरी
स्कूलों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों की 100 मीटर की परिधि में सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाना इसलिए भी जरूरी है कि राज्य में 13 से 15 वर्ष आयु वर्ग के 5.1 प्रतिशत स्कूली छात्र तंबाकू का उपयोग कर रहे हैं।
तंबाकू का सेवन करनेवालों में 55 प्रतिशत लोग तंबाकू सेवन की शुरुआत 20 वर्ष की आयु से पहले कर देते हैं। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसे चिंताजनक माना है।
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