Jharkhand Election Result: बाबूलाल ने ली BJP की हार की जिम्मेदारी, केंद्रीय नेतृत्व को भेजा भावुक संदेश
झारखंड में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है। चुनाव में भाजपा महज 21 सीटें ही जीत पाई। एनडीए गठबंधन को कुल 24 सीटें मिली हैं। मरांडी ने अपने पद छोड़ने का संदेश केंद्रीय नेतृत्व को दिया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है। विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली बड़ी हार के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए बाबूलाल मरांडी ने अपना पद छोड़ने का संदेश केंद्रीय नेतृत्व को दिया है। बता दें कि चुनाव में भाजपा महज 21 सीटें ही जीत पाई।
एनडीए गठबंधन को कुल 24 सीटें मिली हैं। इससे पहले 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 सीटें जीती थी। सोमवार को ही इंटरनेट मीडिया एक्स पर बाबूलाल मरांडी ने पोस्ट कर बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को आदिवासी समाज की सभ्यता, संस्कृति और अधिकार पर हमला बताया है।
उन्होंने लिखा है कि इस तरह के हमले को चुपचाप नहीं देख सकता हूं। चुनाव परिणाम चाहे जो भी हो, मैं अपना संपूर्ण समय और ऊर्जा अपने लोगों को जागरूक करने और उन्हें सशक्त बनाने में लगाऊंगा, ताकि कोई भी हमारी जल, जंगल जमीन की तरफ आंख उठाकर न देख सके।
हेमंत सरकार गिराने का प्रयास भाजपा को पड़ा भारी: सरयू राय
उधर, झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पश्चिम से जनता दल (यूनाइटेड) के नवनिर्वाचित विधायक सरयू राय ने कहा है कि भाजपा को हेमंत सोरेन की सरकार गिराने का प्रयास नहीं करना चाहिए था। यह विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार की एक बड़ी वजह बनी, क्योंकि लोगों के बीच इससे गलत संदेश गया।
भाजपा ने चरणबद्ध तरीके से कई गलतियां की। राय के मुताबिक सबसे पहले जब माइंस आवंटन के लिए मई,2022 में हेमंत सोरेन के विरुद्ध कार्रवाई हुई तो उन्होंने कहा था कि इससे हेमंत सोरेन को नुकसान नहीं होगा।
सीएम के खिलाफ इतनी छोटी बात नहीं उठानी चाहिए। लेकिन भाजपा के लोगों ने इसे तवज्जो दिया। इसका बाद पत्थर घोटाले के आरोप आए तो फिर कहा कि ये आरोप पिछली सरकार तक जाएगे। जब सरकार गिराने की बात हुई तो भाजपा के नेताओं से कहा कि यह बेकार कर रहे हैं।
मुझे अछूत मान लिया गया- सरयू
सरयू राय ने कहा कि इससे मुझे अछूत मान लिया गया। जबकि मैंने कहा था कि इसका उल्टा असर पड़ेगा। लोगों में धारणा बन गई कि भाजपा किसी प्रकार हेमंत सोरेन की सरकार गिराना चाहती है। सरयू राय ने कहा कि उन्हें इसका अनुमान था कि हेमंत सोरेन सरकार बना सकते हैं। लेकिन इतना बहुमत आएगा और बीजेपी को इतना अधिक नुकसान होगा, इसका आकलन नहीं किया था।
उन्होंने हेमंत सोरेन को परिपक्व नेता बताते हुए कहा कि जनता की नब्ज पर उन्होंने पकड़ बनाई। बहुत आक्रामक और परिपक्वता के साथ उन्होंने अपना चुनावी अभियान चलाया। हेमंत सोरेन ने जेल से आने के बाद फूंक-फूंककर कदम रखा। मंइयां सम्मान योजना का काफी प्रभाव पड़ा।
उन्होंने खुद अपने विधानसभा क्षेत्र में 40 हजार फार्म बंटवाए। यह महिला सशक्तीकरण की योजना थी। हर स्तर पर ऐसे कई काम हेमंत सरकार के दौरान हुए। भाजपा को एक स्वतंत्र एजेंसी के जरिए हार का आकलन करना चाहिए।
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