Jharkhand Politics: झारखंड को 21 हजार किलोमीटर नई सड़कें बनाने के लिए चाहिए केंद्रीय सहायता,
प्रचुर प्राकृतिक संपदा और खनिज भंडारों के लिए प्रसिद्ध होने के बावजूद सड़क विकास के क्षेत्र में झारखंड राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे है। खनिजों की ढुलाई जो राज्य की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्सा है मुख्य रूप से सड़कों के माध्यम से होती है। हालांकि पठारी और दुर्गम क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क की कमी के कारण आवागमन में कई चुनौतियां हैं।

राज्य ब्यूरो, रांची। प्रचुर प्राकृतिक संपदा और खनिज भंडारों के लिए प्रसिद्ध होने के बावजूद सड़क विकास के क्षेत्र में झारखंड राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे है। खनिजों की ढुलाई, जो राज्य की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्सा है, मुख्य रूप से सड़कों के माध्यम से होती है।
हालांकि, पठारी और दुर्गम क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क की कमी के कारण आवागमन में कई चुनौतियां हैं। इस ओर राज्य सरकार ने ध्यान आकृष्ट कराते हुए केंद्र सरकार से आग्रह किया है। इसमें वर्ष 2030 तक राज्य में 21 हजार किलोमीटर नई सड़कों के निर्माण के लिए सहायता की गुहार लगाई गई है।
राज्य में राष्ट्रीय उच्च पथों की उपलब्धता प्रति 1,000 वर्ग किलोमीटर मात्र 186 किलोमीटर है, जबकि राष्ट्रीय औसत 500 किलोमीटर है। ग्रामीण और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति और भी खराब है।जहां कच्ची सड़कें या बुनियादी ढांचे की कमी आवागमन को कठिन बनाती है।
खनिजों की ढुलाई के लिए भारी वाहनों का उपयोग होता है, जो सड़कों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे सड़कें तेजी से खराब होती है। पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में सड़क निर्माण की लागत सामान्य मैदानी क्षेत्रों की तुलना में कहीं अधिक है।
21,000 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण के लक्ष्य के साथ राज्य ने 26,000 किलोमीटर पुरानी सड़कों को सुदृढ़ीकरण करने की भी योजना बनाई है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आवागमन को सुगम बनाना, खनिज ढुलाई को अधिक कुशल बनाना और राज्य के समग्र आर्थिक विकास को गति देना है।
नई सड़कों का निर्माण विशेष रूप से उन क्षेत्रों में किया जाएगा, जहां कनेक्टिविटी की कमी के कारण विकास अवरुद्ध है। इसके अतिरिक्त, पुरानी सड़कों का सुदृढ़ीकरण यह सुनिश्चित करेगा कि भारी वाहनों की आवाजाही से सड़कों को नुकसान न पहुंचे।
मिलेगा अर्थव्यवस्था का बल
वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड में सड़क विकास की महत्वाकांक्षी योजनाओं को लागू करने के लिए केंद्र सरकार की आर्थिक और तकनीकी सहायता अपरिहार्य है। जिससे सड़क नेटवर्क को मजबूत बनाने में सहूलियत होगी।
केंद्र सरकार की सहायता से न केवल सड़क नेटवर्क का विस्तार होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। सड़क नेटवर्क के विस्तार से झारखंड के ग्रामीण और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन में व्यापक बदलाव आएगा।
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