मयंक के पाकिस्तानी आतंकियों से संबंध खंगाल रही एटीएस, अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टरों का मिल चुका है लिंक
अजरबैजान से प्रत्यर्पित कर झारखंड लाया गया अंतरराष्ट्रीय अपराधी सह कुख्यात अमन साव गिरोह के अपराधी सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह का पाकिस्तानी आतंकियों से भी संबंध खंगाला जा रहा है। झारखंड पुलिस का आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) छानबीन में जुटा है। मयंक ने जिन हथियारों की आपूर्ति पाकिस्तान से करवाई है वैसे हथियार वहां के आतंकी उपयोग में लाते रहे हैं।

दिलीप कुमार, रांची। अजरबैजान से प्रत्यर्पित कर झारखंड लाया गया अंतरराष्ट्रीय अपराधी सह कुख्यात अमन साव गिरोह के अपराधी सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह का पाकिस्तानी आतंकियों से भी संबंध खंगाला जा रहा है।
झारखंड पुलिस का आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) छानबीन में जुटा है। अब तक की जांच में किसी आतंकी संगठन से उसकी साठगांठ तो नहीं मिले हैं, लेकिन मयंक ने जिन हथियारों की आपूर्ति पाकिस्तान से करवाई है, वैसे हथियार वहां के आतंकी उपयोग में लाते रहे हैं।
इस बिंदु पर एटीएस की छानबीन जारी है। एटीएस के अधिकारी जल्द ही मयंक सिंह की निशानदेही पर पंजाब में उस जगह का भी सत्यापन करेंगे, जहां पाकिस्तानी ड्रोन से हथियार पहुंचाए गए थे।
एटीएस को पूछताछ में उसने बताया है कि उसे पाकिस्तान के पेशावन से हथियार की आपूर्ति पंजाब में की जाती थी। इसके बाद पंजाब से सड़क व रेलमार्ग से वे हथियार झारखंड पहुंचाए गए थे।
एटीएस भारत में सक्रिय रहे आतंकी संगठन अलकायदा इंडिया सब कंटिनेंट (एक्यूआइएस), लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के सहयोगियों से मयंक के रिश्ते की जानकारी जुटा रही है।
आतंक फैलाने की साजिश रचने आदि से संबंधित मामलों में मयंक सिंह पर यूएपी अधिनियम के तहत भी कानूनी कार्रवाई होगी। उसने इंटरनेट काल कर मलेशिया में बैठकर भारत के कारोबारियों से रंगदारी मांगी व धमकी दी थी।
इसमें उसे तीन कुख्यात अपराधियों लारेंस विश्नोई, अनमोल विश्नोई व गोल्डी बरार ने सहयोग किया।लारेंस विश्नोई को अमन साव के अन्य गुर्गों ने मोबाइल नंबर व अन्य सूचना उपलब्ध कराया था और उसने ही अमन साव से मयंक को मिलवाया था।
मोहाली के कालेज में लारेंस से हुई थी मयंक की मुलाकात
मूल रूप से राजस्थान के अनूपगढ़ जिले के घोड़साना का रहने वाला सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह का बहुत ही कम समय में अंतरराष्ट्रीय अपराधियों से संबंध हो गया था।
छह दिनों तक रिमांड पर पूछताछ के दौरान मयंक सिंह ने झारखंड एटीएस को अपने आपराधिक इतिहास की जानकारी दी है।
उसने बताया है कि अंतरराष्ट्रीय अपराधी लारेंस विश्नोई से उसकी दोस्ती मोहाली के एक कालेज में हुई थी। वहां विश्नोई छात्र यूनियन का चुनाव लड़ रहा था। इसके बाद ही दोनों ही दोस्ती गहरी हो गई।
लारेंस विश्नोई के बाद उसकी दोस्ती दो अन्य कुख्यात अपराधियों अनमोल विश्नोई व गोल्डी बरार से भी हो गई थी। 2019 में मयंक ने बीकानेर से पासपोर्ट बनावाया था और फिर मलेशिया चला गया था।
मलेशिया के जूली फार्मा के वेयरहाउस में भी उसने काम किया। काम के दौरान मलेशिया में पंजाब के मनदीप सिंह से उसकी मुलाकात हुई और फिर लारेंस विश्नोई का एक अन्य सहयोगी हैरी राय भी उसे मलेशिया में मिला, जिसके बाद मयंक सिंह को अपराधियों का एक नेटवर्क मिल गया।
23 अगस्त को प्रत्यर्पण कर लाया गया था रांची
सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह को झारखंड एटीएस की टीम प्रत्यर्पण कराकर 23 अगस्त को रांची लाई थी। झारखंड में उसपर दर्ज 48 कांडों व कोयला कारोबारियों के पास आ रहे धमकी भरे उसके काल के बाद एटीएस के अनुरोध पर सीबीआइ ने उसके विरुद्ध रेड कार्नर नोटिस जारी किया था।
रेड कार्नर नोटिस के आधार पर ही गत वर्ष 29 अक्टूबर 2024 को मयंक सिंह अजरबैजान के बाकू में हिरासत में लिया गया था। इसके बाद कानूनी कागजी प्रक्रिया के बाद एसपी एटीएस के नेतृत्व में अजरबैजान गई टीम उसे लेकर 23 अगस्त को रांची आई थी।
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