Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खुशखबरी! Jharkhand में स्वच्छ हो रहा वायुमंडल, कार्बन उत्सर्जन में सात प्रतिशत की कमी

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 08:27 PM (IST)

    Jharkhand में कार्बन उत्सर्जन में करीब सात प्रतिशत की कमी आई है। केंद्र सरकार ने देश भर में किए जा रहे नवाचार को कार्बन उत्सर्जन की मुख्य वजह माना है। कोयला आधारित उद्योग लकड़ी का इंधन के तौर पर उपयोग कम होने से वायुमंडल में कार्बन कम हो रहा है। वन एवं पर्यावरण विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में बायोगैस आधारित चूल्हे दिए हैं।

    Hero Image
    Jharkhand में कार्बन उत्सर्जन में करीब सात प्रतिशत की कमी आई है।

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand में कार्बन उत्सर्जन में करीब सात प्रतिशत की कमी आई है। केंद्र सरकार ने देश भर में किए जा रहे नवाचार को कार्बन उत्सर्जन की मुख्य वजह माना है।

    झारखंड में कोयला आधारित उद्योग, लकड़ी का इंधन के तौर पर उपयोग कम होने से वायुमंडल में कार्बन कम हो रहा है। वन एवं पर्यावरण विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में बायोगैस आधारित चूल्हे दिए हैं।

    उज्जवला योजना समेत एलपीजी सिलेंडर के बड़े पैमाने पर उपयोग से कार्बन का उत्सर्जन कम हुआ है। बायोगैस स्टोव वितरण प्रक्रिया से जुड़े राजन कुमार ने बताया कि एक स्टोव 23 प्रतिशत अधिक गर्मी उत्पन्न करता है। इसका सीधा असर पर्यावरण पर हो रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसका मतलब है कि एक बायोगैस स्टोव के प्रयोग से सालभर में एक टन कार्बन को उत्पन्न होने से रोका जा रहा है। पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी का मानना है कि राज्य में इस साल कम गर्मी पड़ी है।

    यह कार्बन रेटिंग में कमी का असर हो सकता है। हालांकि अभी इसकी वैज्ञानिक व्याख्या नहीं की जा सकती है। 

    कार्बन क्रेडिट से हो सकती है आमदनी

    केंद्र सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को कार्बन क्रेडिट में कमी लाने पर राशि देने की भी योजना बनाई है। वन क्षेत्र में बसी बस्तियों के आसपास बायोमास यानि हरियाली बढ़ने पर इसका फायदा स्थानीय लोगों को मिलेगा। झारखंड में जल्द ही इस योजना को प्रारंभ किया जाएगा।