मिल्क शेक में दूध की जगह मिलाया जा रहा आरारोट पाउडर
फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड एक्ट के तहत गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी जांच की गई। इसमें मिल्क शेक में आरारोट मिलाया गया। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, रांची : फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड एक्ट के तहत गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी राजभवन के पास बिक रहे खाद्य पदार्थो की जांच की गयी। इस दौरान फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने यहां बिक रहे कुल 15 नमूनों की जांच की। इसमें से 14 नमूने जांच में फेल पाए गए। यहां ठेले पर बिक रहे खाद्य पदार्थो में केमिकल पाए गए, जो कपड़ों पर डाई के लिए काम आता है। वहीं, मिल्क शेक में दूध की जगह आरारोट पाउडर और कस्टर्ड मिलाया जाता है। यह केमिकल मेटानिल येलो डाई स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है, बावजूद इसका उपयोग खाद्य पदार्थो में धड़ल्ले से किया जा रहा है। जांच दल में लोक खाद्य विश्लेषक चतुर्भुज मीणा, लैब टेक्नीशियन विपिन कुमार, लैब अटेंडेंट शिव नंदन यादव, कर्मचारी शीतल मिंज तथा राहुल तिग्गा शामिल थे। मुख्य बातें
राजभवन उद्यान का द्वार आम लोगों के लिए खोले जाने के बाद से ही हजारों की संख्या में आम लोग भ्रमण के लिए उद्यान पहुंच रहे हैं।
-सैकड़ों की संख्या में राजभवन के बाहर सड़क के किनारे ठेले लगाए गए हैं।
-उद्यान घूमने के पश्चात लोग राजभवन के बाहर बिक रहे छोले-भटूरे, गोलगप्पा, आइसक्रीम, मिल्क शेक आदि का सेवन करते हैं।
-खाद्य विश्लेषक चतुर्भुज मीणा ने कहा कि उनकी टीम मोबाइल फूड टेस्टिंग लेबोरेट्री के साथ जन जागरूकता के लिए आई है।
-मिल्क शेक की जाच में पाया कि इसमें मिल्क की जगह अरारोट तथा कस्टर्ड पाउडर पाए गए।
जांच में पाया कि छोले में मेटालिन येलो रंग का प्रयोग होता है।
मेटालिन रंग छोले, जलेबी, लड्डू जैसे पीले खाद्य पदार्थो में डाला जाता है।
इनके सेवन से अल्सर तथा कैंसर होने का खतरा होता है।

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