Move to Jagran APP

RIIMS में लैब टेक्निशियन की नियुक्ति रद्द, झारखंड HC ने इतने हफ्ते में नई मेरिट लिस्ट जारी करने का दिया निर्देश

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसए पाठक की अदालत में रिम्स में लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति रद्द कर दिया। अदालत ने रिम्स को 12 सप्ताह के अंदर नई मेरिट लिस्ट बना कर नियुक्ति करने का निर्देश दिया है। इससे पूर्व मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। लैब टेक्नीशियन के 33 पदों पर नियुक्ति के लिए 2019 में विज्ञापन जारी किया था।

By Manoj Singh Edited By: Shashank ShekharPublished: Tue, 09 Jan 2024 08:15 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jan 2024 08:15 PM (IST)
झारखंड HC ने RIIMS में लैब टेक्निशियन की नियुक्ति रद्द की

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसए पाठक की अदालत में रिम्स में लैब तकनीशियन की नियुक्ति को रद्द कर दिया। अदालत ने रिम्स को 12 सप्ताह के अंदर नई मेरिट लिस्ट बना कर नियुक्ति करने का निर्देश दिया है। इससे पूर्व मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

loksabha election banner

लैब तकनीशियन के 33 पदों पर नियुक्ति के लिए रिम्स ने वर्ष 2019 में विज्ञापन जारी किया था। वर्ष 2020 में इसका परिणाम जारी किया गया। इसके बाद सभी की नियुक्ति भी कर ली गई थी। अदालत ने अपने आदेश में रिम्स प्रबंधन को निर्देश दिया है कि नियुक्ति प्रक्रिया के तहत साक्षात्कार के नाम पर जो स्किल टेस्ट लिया गया है उसे समाप्त कर नई मेरिट लिस्ट बना कर नए तरीके से नियुक्ति करें।

प्रार्थी को रिम्स प्रबंधन के पास आवेदन देने का निर्देश

अदालत ने प्रार्थी को रिम्स प्रबंधन के पास एक आवेदन देने का निर्देश दिया है। रिम्स प्रबंधन को आवेदन मिलने के 12 सप्ताह के अंदर नई मेरिट लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में भुवन भास्कर ने याचिका दाखिल की थी। उनकी ओर से साक्षात्कार में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए नियुक्ति प्रक्रिया रद करने का आग्रह किया था।

प्रार्थी ने याचिका दाखिल कर कहा था कि वर्ष 2019 में लैब तकनीशियन की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकला था। विज्ञापन में स्किल टेस्ट लिए जाने का जिक्र नहीं था। बाद में रिम्स ने अपने चहेतों को नियुक्त करने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया के बीच में ही संशोधित विज्ञापन जारी कर स्किल टेस्ट लेने का प्रविधान शामिल कर दिया।

आरटीआइ के तहत उन्होंने रिम्स से अपना अंक मांगा था। उन्हें जो अंक बताया गया और रिम्स ने हाई कोर्ट में शपथपत्र दाखिल कर जो अंक बताया दोनों में अंतर है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई है।

ये भी पढ़ें: झारखंड में ED-CBI जैसी जांच एजेंसियों के लिए हेमंत सरकार का बड़ा फैसला, अब राज्य में किसी को सीधे नहीं दे सकेंगे समन

ये भी पढ़ें:  Baba Bageshwar के कार्यक्रम को लेकर पलामू में प्रशासन की अहम बैठक, कल के फैसले पर टिकी लोगों की निगाहें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.