पिछले 9 सालों में 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि की गई वितरित, नौ साल की उपलब्धियों पर बोले अर्जुन मुंडा
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को जनजातीय कार्य मंत्रालय की नौ साल की उपलब्धियों पर नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किय ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, रांची: केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को जनजातीय कार्य मंत्रालय की नौ साल की उपलब्धियों पर नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया।
इंटरनेशनल मीडिया सेंटर में मुंडा ने कहा कि हमारी नीति का मूल एक समग्र दृष्टिकोण के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल आदि जैसे क्षेत्रों में मानव संसाधन के रूप में जनजातियों का विकास है। इसे ध्यान में रखते हुए जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा कई परिवर्तन किए गए हैं।
2023 के बजट में सरकार ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के विकास पर एक मिशन की घोषणा की। लगभग 28 लाख पीवीटीजी आबादी वाले 22,544 गांवों को योजना के तहत बुनियादी सेवाओं की पूर्ति के लिए चिन्हित किया गया है।
15 हजार की घोषणा
अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के तहत 2023-24 से 2025-26 के दौरान मिशन के कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय बजट 2023-24 में 15000 करोड़ रुपये की राशि की घोषणा की गई है।
मंत्रालय ने प्रत्येक पीवीटीजी समुदाय के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। वे उनके आवासों व बस्तियों में जा रहे हैं और उनकी आवश्यकताओं को समझने के लिए क्षेत्र में रह रहे हैं।
केंद्रीय बजट में सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की घोषणा की गई है। वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए एक मिशन शुरू किया जाएगा।
सार्वभौमिक जांच की मिलेगी सुविधा
यह जागरूकता निर्माण, प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में शून्य से 40 वर्ष की आयु के सात करोड़ लोगों की सार्वभौमिक जांच और केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से परामर्श प्रदान करेगा।
अगले तीन वर्षों में 3.5 लाख आदिवासी छात्रों वाले 740 एकलव्य माडल आवासीय विद्यालयों के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की केंद्रीय रूप से भर्ती की जाएगी।
मंत्रालय पांच छात्रवृत्ति योजनाओं को क्रियान्वित करता है, जिसके तहत 2500 करोड़ रुपये से अधिक के वार्षिक बजट के साथ प्रत्येक वर्ष 30 लाख से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है।
30 लाख छात्र होते हैं लाभान्वित
पिछले नौ वर्षों में 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की गई है। हर साल औसतन 30 लाख छात्र इन योजनाओं से लाभान्वित होते हैं।
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना, जिसका उद्देश्य 500 से अधिक आदिवासी आबादी वाले 36,428 गांवों और 50% या अधिक अनुसूचित जनजाति के लोगों का एकीकृत विकास करना है।
ये गांव 458 जिलों, 2361 ब्लाकों और 24775 ग्राम पंचायतों में स्थित हैं, जिसमें 332 संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और 1.02 करोड़ परिवार तथा 4.2 करोड़ की अनुसचित जनजाति आबादी शामिल है।
कार्यक्रम के लिए 7400 करोड़ निर्धारित
पीएमएएजीवाई के तहत 4242 गांव उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से हैं। कार्यक्रम के तहत 5 वर्षों के लिए 7400 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं और लगभग 2000 करोड़ रुपये की राशि राज्यों को पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

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