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    Jharkhand News: रामगढ़ जेल से रांची लाया गया कुख्यात मयंक सिंह, ATS खंगालेगी लॉरेंस बिश्नोई से कनेक्शन के राज

    कुख्यात अमन साव गिरोह के अपराधी सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह को एटीएस ने रिमांड पर लिया है। उससे अगले छह दिनों तक पूछताछ की जाएगी। वह प्रत्यर्पण के तहत अजरबैजान से रांची लाया गया था। उसके विरुद्ध लेवी-रंगदारी मांगने से संबंधित झारखंड में 48 मामले दर्ज हैं। एटीएस उसके आपराधिक इतिहास और सहयोगियों की जानकारी लेगी।

    By Dilip Kumar Edited By: Nishant Bharti Updated: Wed, 27 Aug 2025 03:11 PM (IST)
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    रामगढ़ जेल से रांची लाया गया कुख्यात मयंक सिंह

    राज्य ब्यूरो, रांची। कुख्यात अमन साव गिरोह के अपराधी सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह को रिमांड पर कड़ी सुरक्षा के बीच रामगढ़ उपकारा से लेकर झारखंड एटीएस की टीम बुधवार की दोपहर रांची स्थित एटीएस मुख्यालय पहुंची।

    उससे अगले छह दिनों तक पूछताछ की जानी है। वह प्रत्यर्पण के तहत 23 अगस्त को अजरबैजान से रांची लाया गया था। यहां से उसी दिन उसे रामगढ़ स्थित न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था, जहां से कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

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    उसके विरुद्ध रामगढ़ के पतरातू (भदानीनगर) थाने के 2022 के एक केस में रामगढ़ स्थित न्यायालय में एटीएस ने पेश किया था। एटीएस ने उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी थी। इसके बाद ही कोर्ट से छह दिनों तक पूछताछ की अनुमति मिली है।

    उसके विरुद्ध लेवी-रंगदारी मांगने से संबंधित सिर्फ झारखंड में 48 मामले दर्ज हैं। ये सभी मामले हजारीबाग जिले के बड़कागांव, केरेडारी, कोर्रा, हजारीबाग सदर, रांची, रामगढ़, पलामू व गिरिडीह में दर्ज हैं। उसपर दूसरे राज्यों जैसे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर व राजस्थान में भी कई मामले दर्ज हैं।

    एटीएस उसका आपराधिक इतिहास व उसके सहयोगियों की लेगी जानकारी

    रिमांड के दौरान एटीएस सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह के आपराधिक इतिहास की जानकारी लेगी। उसके सहयोगियों की भी जानकारी लेगी। यह भी पता लगाएगी कि उसका अंतरराष्ट्रीय अपराधी लॉरेंस बिश्नोई से संपर्क कैसे हुआ।

    वह स्वयं मूल रूप से राजस्थान के अनूपगढ़ जिले के नई मंडली थाना क्षेत्र के जीडीए पुरानी मंडी घड़साना का रहने वाला है। वह लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में कैसे आया। उसका अमन साव से संपर्क कैसे हुआ। वह अजरबैजान कैसे पहुंचा। उसका मयंक सिंह नाम किसने दिया।

    अब तक उसने कितने की लेवी-रंगदारी किससे-किससे वसूली है। लेवी के रुपये उस तक कैसे पहुंचते थे। ये रुपये कहां-कहां बंटते थे। उसके गैंग में और कितने साथी फरार हैं। इन सभी बिंदुओं पर एटीएस अगले छह दिनों तक पूछताछ करेगी।

    एटीएस उससे अमन साव गिरोह की वित्तीय व्यवस्था व चल-अचल संपत्तियों, हथियारों के बारे में भी पूछताछ करेगी, ताकि आगे छानबीन में और मदद मिल सके।

    रेड कॉर्नर नोटिस के बाद हुआ था गिरफ्तार

    सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह रेड कॉर्नर नोटिस के बाद गिरफ्तार हुआ था। उसकी गिरफ्तारी इंटरपोल की मदद से रेड कार्नर नोटिस के बाद गत वर्ष 29 अक्टूबर 2024 को अजरबैजान में हुई थी।

    एटीएस की तीन सदस्यीय टीम उसे लाने के लिए 19 अगस्त को अजरबैजान के बाकू में गई थी। वह विदेश में रहकर खुद को अमन साव गिरोह का शूटर बताकर झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के कोयला कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों आदि को इंटरनेट काल से धमकाता था और उनसे रंगदारी वसूलता था।