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    वीरेंद्र राम के तीनों सहयोगियों ने खोली पोल, कहा- कमीशन लेकर काले धन को बनाते थे सफेद, दिया एक-एक पाई का हिसाब

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Fri, 30 Jun 2023 08:45 AM (IST)

    ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम के तीनों सहयोगियों से हुई ईडी की पूछताछ में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। ईडी की पूछताछ में तीनों ने स्वीकार लिया है कि वे कमीशन लेकर वीरेंद्र राम के करोड़ों रुपयों के काले धन को सफेद बनाते थे। तीनों ने ईडी की पूछताछ में एक-एक पाई का हिसाब दे दिया है।

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    वीरेंद्र राम के तीनों सहयोगियों से ईडी की पूछताछ।

    राज्य ब्यूरो, रांची। पद का दुरुपयोग कर सवा सौ करोड़ की संपत्ति अर्जित करने वाले ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के तीनों सहयोगियों ने ईडी की रिमांड पर अपने दोष स्वीकार कर लिए हैं। इन सहयोगियों में नीरज मित्तल, तारा चंद व राम प्रकाश भाटिया शामिल हैं। ईडी की पूछताछ में तीनों ने स्वीकार लिया है कि वे कमीशन लेकर काले धन को सफेद बनाते थे।

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    ईडी को पूछताछ के लिए मिले थे पांच दिन 

    उन्‍होंने वीरेंद्र राम के करोड़ों रुपयों के काले धन को सफेद बनाने और इसके एवज में कमीशन लेने की बात को स्‍वीकारा। तीनों ही सहयोगी मंगलवार से ही पांच दिनों की ईडी रिमांड पर हैं। तीसरे दिन गुरुवार को भी तीनों से ईडी ने लंबी पूछताछ की है। इनमें नीरज मित्तल को शनिवार को तथा तारा चंद व राम प्रकाश भाटिया को रविवार को जेल भेजा गया था। सोमवार को उनकी रिमांड पर सुनवाई के बाद विशेष अदालत से ईडी को पांच दिनों तक पूछताछ की अनुमति मिली थी। तीनों ने ईडी के सामने यह स्वीकारा कि उन लोगों ने वीरेंद्र राम के काले धन को कमीशन लेकर सफेद किया।

    तीनों ने पूछताछ में दिए एक-एक पाई का हिसाब

    तारा चंद की तीन फर्जी कंपनियों के बैंक खातों में नीरज मित्तल राम प्रकाश भाटिया की मदद से नकदी जमा करवाता था और उन कंपनियों के खाते से वीरेंद्र राम के चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल के कर्मचारियों व रिश्तेदारों के खाते में रुपये स्थानांतरित होते थे।

    इसके बाद उन खातों से वीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम के खाते में रुपये स्थानांतरित हुए, जिसके माध्यम से दिल्ली के साकेत में वीरेंद्र राम ने अपने पिता के नाम पर करोड़ों की संपत्ति खरीदी थी। ईडी की पूछताछ में आरोपितों ने काले धन को विभिन्न खातों के माध्यम से स्थानांतरित किए जाने के खेल को स्पष्ट कर दिया है। तीनों ने ईडी की पूछताछ में एक-एक पाई का हिसाब दे दिया है।

    करोड़ों रुपये की हुई है हेराफेरी

    ईडी की जांच में यह भी स्पष्ट हो चुका है कि तारा चंद की तीन फर्जी कंपनी खाटू श्याम ट्रेडर्स, अनिल कुमार गोविंद राम ट्रेडर्स व ओम ट्रेडर्स के नाम पर खाते खोले गए थे, जिसका संचालन नीरज मित्तल करता था। इसके बदले में वह कमीशन देता था।

    इन कंपनियों के खाते से अब तक 121.83 करोड़ रुपयों का स्थानांतरण हो चुका है। खातों में रुपये स्थानांतरित करने, फर्जी बिल तैयार करने के एवज में नीरज मित्तल का सहयोगी राम प्रकाश भाटिया भी कमीशन लेता था। वह कुल नकदी का 0.75 प्रतिशत मुकेश मित्तल व 0.2 प्रतिशत नीरज मित्तल से कमीशन लेकर रुपयों को खाते से लेकर खातों से दूसरे खातों में स्थानांतरित करता था।

    आज ईडी कार्यालय में जेल अधीक्षक व जेलर से पूछताछ

    ईडी के रांची एयरपोर्ट रोड स्थित कार्यालय में शुक्रवार को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के काराधीक्षक हामिद अख्तर व जेलर नसीम खान से पूछताछ प्रस्तावित है। हामिद अख्तर जब दूसरे समन पर मंगलवार को ईडी कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए, तो उन्हें ईडी ने तीसरा समन भेजा था। जबकि जेलर नसीम खान को पहली बार ईडी ने समन किया था। अब दोनों अधिकारी शुक्रवार को ईडी कार्यालय पहुंचते हैं या नहीं, यह देखना होगा।

    अगर वे पूछताछ के लिए नहीं आए तो कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इन दोनों अधिकारियों पर मनी लांड्रिंग के गिरफ्तार कैदियों को जेल मैनुअल का उल्लंघन कर मदद पहुंचाने का आरोप है। गत पांच मई को जब ईडी ने भूमि घोटाले में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन को गिरफ्तार कर जेल भेजा, तो जेल में इन अधिकारियों ने छवि रंजन की प्रेम प्रकाश से नियम विरुद्ध जाकर मुलाकात कराई। प्रेम प्रकाश नेताओं व नौकरशाहों का करीबी है, जिसे ईडी ने अवैध खनन मामले में पिछले वर्ष गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

    जेल प्रशासन ने छवि रंजन के कहने पर प्रेम प्रकाश को चेहरे पर गमछा बंधवाकर रात के अंधेरे में छवि रंजन से 40 मिनट तक मुलाकात कराई थी। जबकि, ईडी की पूछताछ में छवि रंजन कहते रहे कि वे प्रेम प्रकाश को जानते तक नहीं। भूमि घोटाले में भी प्रेम प्रकाश व छवि रंजन की मिलीभगत उजागर हो चुकी है।

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