Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    68वां राष्ट्रीय अधिवेशन जयपुर: कट्टरपंथी संगठन PFI व उसे बढ़ावा देने वालों पर हो कार्रवाई: ABVP

    By Jagran NewsEdited By: Sanjay Kumar
    Updated: Tue, 29 Nov 2022 11:23 AM (IST)

    ABVP 68th National Convention in Jaipur अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का 68वां राष्ट्रीय अधिवेशन जयपुर में समाप्त हो गया। राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि देश में कई संगठन पीएफआइ को धन और कार्यकर्ता मुहैया कराते हैं इन सब के खिलाफ कार्रवाई हो।

    Hero Image
    ABVP 68th National Convention in Jaipur: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का 68वां राष्ट्रीय अधिवेशन जयपुर में।

    रांची, जासं। ABVP 68th National Convention in Jaipur अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का 68वां राष्ट्रीय अधिवेशन जयपुर में समाप्त हो गया। अधिवेशन में पांच प्रस्ताव पारित किए गए हैं, जिस पर परिषद के कार्यकर्ता वर्ष भर काम करेंगे। उन प्रस्तावों में देश में बढ़ रहे कट्टरपंथी संगठन पीएफआइ का प्रतिकार करना एवं उसे धन व कार्यकर्ता मुहैया कराने वाले सभी संगठनों पर कार्रवाई करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों से मांग करना शामिल है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रस्ताव में भारतीय ज्ञान परंपरा युक्त भारतीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों से विशेष धन मुहैया कराने का आग्रह करना, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में प्रवेश, परीक्षा एवं परिणाम में अनियमितता दूर करना और वैश्विक पटल पर भारत की भूमिका कैसे महत्वपूर्ण हो, इसे बढ़ावा देना शामिल है।

    अब परिषद का अगला राष्ट्रीय अधिवेशन अगले वर्ष अक्टूबर-नवंबर में दिल्ली में होगा। वहीं राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक 26 से 28 मई को पुणे में होगी।

    कट्टरपंथी संगठनों को सहयोग करने वाले सभी संगठनों पर बरती जाए सख्ती

    अभाविप के नवनियुक्त राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने बताया कि देश में सिमी संगठन पर जब प्रतिबंध लगाया गया तब उससे जुड़े लोग पीएफआइ के नाम से कट्टरपंथी संगठन चलाने लगे। उसे देश के आठ संगठन धन के साथ-साथ कार्यकर्ता भी मुहैया करा रहे हैं। अभाविप समाज से ऐसे संगठनों के प्रतिकार का आग्रह करेगी, साथ ही सरकार से मांग करेगी कि सहयोग करने वाले सभी संगठनों पर सख्ती बरती जाए, ताकि समाज में सहिष्णुता बनी रहे।

    अभाविप के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल प्रतिनिधि।

    पढ़ाई की व्यवस्था सभी मातृभाषा में की जाए

    उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान की स्थापना करे और उसी माध्यम से राशि खर्च की जाए। पढ़ाई की व्यवस्था सभी मातृभाषा में की जाए। विदेशी भाषाओं के दबाव में भारतीय भाषाओं के साथ षड्यंत्र हुआ। उन्होंने कहा कि स्वावलंबी भारत अभियान को आगे बढ़ाने के लिए सभी प्रांतों में समिति का गठन किया जाएगा, साथ ही महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम किए जाएंगे। जी-20 की अध्यक्षता मिलना भारत के लिए गर्व की बात है। इसके लिए भी कालेजों में गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

    अभाविप में किन्हें क्या मिला दायित्व

    • राष्ट्रीय अध्यक्ष - डा. राजशरण शाही (लखनऊ, अवध)
    • राष्ट्रीय महामंत्री - याज्ञवल्क्य शुक्ल (पटना,बिहार)
    • राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - डा. अल्लम प्रभु (कुलबर्गी, कर्नाटक), डा. पूनम सिंह (छपरा, बिहार), डा प्रदीप कुमार (धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश), डा. सुदिप्तो मुखोपाध्याय (शिवपुर, दक्षिण बंगाल)
    • राष्ट्रीय मंत्री- कु. साक्षी सिंह, वाराणसी (काशी), हुशियार सिंह मीणा, जयपुर (राजस्थान), राकेश दास- गुवाहाटी (असम), हरिकृष्णा नागोथू- तिरुपति (आन्ध्र प्रदेश), कु. अंकिता पवार-नांदेड (देवगिरी), मुस्तफा अली-श्रीनगर (जम्मू कश्मीर, वीरेंद्र सोलंकी- इंदौर (मालवा), बिराज बिस्वास - कोलकाता, (दक्षिण बंगाल)
    • राष्ट्रीय संगठन मंत्री - आशीष चौहान (मुंबई),• राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री- प्रफुल्ल आकांत (दिल्ली), गोविंद नायक(कोलकाता), एस. बालकृष्ण (भाग्यनगर )
    • राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष- गितेश सामंत (मुंबई), राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष- दयानंद भाटिया (मुंबई),
    • केंद्रीय कार्यालय मंत्री- दिगंबर पवार (मुंबई), केंद्रीय सचिवालय सचिव - देवानंद त्यागी (मुंबई)