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    'मेरा NDA में जाना CM हेमंत को नागवार गुजरा', सुरक्षा घटाने पर MLA ने निकाली भड़ास.. फिर अमित शाह से लगाई गुहार

    Jharkhand Politics हुसैनाबाद विधायक सह एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह के हेमंत सोरेन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उनकी सुरक्षा घटा दी गई है। विधायक सिंह ने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार ने उनके साथ शुरू से भेदभाव किया है उनकी एक मात्र मांग हुसैनाबाद को जिला बनाने की है लेकिन इस मामले में मुख्यमंत्री ने चुप्पी साध रखी है।

    By Edited By: Prateek JainUpdated: Fri, 03 Nov 2023 06:50 PM (IST)
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    हुसैनाबाद विधायक सह एनसीपी (अजित पवार गुट) के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह।

    संवाद सूत्र, पलामू/रांची। हुसैनाबाद विधायक सह एनसीपी (अजित पवार गुट) के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह के हेमंत सोरेन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उनकी सुरक्षा घटा दी गई है।

    विधायक सिंह ने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार ने उनके साथ शुरू से भेदभाव किया है, उनकी एक मात्र मांग हुसैनाबाद को जिला बनाने की है, लेकिन इस मामले में मुख्यमंत्री ने चुप्पी साध रखी है।

    'सीएम ने अपनी अकड़ में आश्वासन तक नहीं दिया'

    कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के रवैये को देखते हुए वे एनसीपी के अजीत पवार गुट के साथ हो गए। इससे वह एनडीए गठबंधन का हिस्सा हो गए हैं। यह हेमंत सोरेन को नागवार गुजरा है।

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    उन्होंने सरकार को काफी समय दिया था। बावजूद सत्ता के नशे में चूर उन्होंने अपनी अकड़ में आश्वासन तक नहीं दिया। हेमंत सरकार ने हुसैनाबाद की जनता की भावनाओं को आहत किया है।

    राज्य सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी है। हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र में अधिकारियों का तबादला कर दिया गया। उनके स्थान पर पदस्थापन भी नहीं किया गया है। एसडीपीओ का पद रिक्त है। सरकार ने जानबूझकर हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र का अपेक्षित विकास भी नहीं होने दिया।

    जेड श्रेणी सुरक्षा की मांग की थी

    कहा कि वह एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। पार्टी के कार्य से उन्हें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जाना पड़ता है। उन्हें राज्य सुरक्षा समिति ने जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने की अनुशंसा की थी। बावजूद सरकार के मौखिक आदेश पर पलामू पुलिस ने उनकी सुरक्षा आधी कर दी है।

    कहा कि उनका परिवार उग्रवादियों की हिट लिस्ट में रहता है। 2006 में उनके कामगारपुर स्थित आवास को उग्रवादियों ने उड़ा दिया था। उनके एनडीए में शामिल होने से मुख्यमंत्री घबरा गए है। लोकसभा व विधानसभा चुनाव में पता लगा देंगे। कहा कि अपनी सुरक्षा को लेकर उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है।

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