अवैध खनन मामले में पैनम कोल माइंस कंपनी के खिलाफ हो रही कार्रवाई, सरकार ने कोर्ट को दी जानकारी
हाई कोर्टमें पैनम कोल माइंस कंपनी की ओर से अवैध खनन पर कार्रवाई की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सरकार की ओर से बताया गया कि पैनम कोल कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कंपनी के निदेशक और अन्य अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी किया है और कुर्की जब्ती का आदेश भी दिया गया है।

राज्य ब्यूरो,रांची । हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में पैनम कोल माइंस कंपनी की ओर से अवैध खनन पर कार्रवाई की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि पैनम कोल कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कंपनी के निदेशक और अन्य अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी किया है और कुर्की जब्ती का आदेश भी दिया गया है। कंपनी के अधिकारियों का पता बर्द्धमान है।
इस पर अदालत ने बर्द्धमान पुलिस को सहयोग करने का निर्देश दिया। अदालत ने पाकुड़ पुलिस को भी जांच में सहयोग करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई की तिथि 11 अगस्त निर्धारित की गई।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी रामसुभग सिंह की ओर से मामले की सीबीआइ जांच कराने का आग्रह किया गया। अदालत ने कहा कि अगली तिथि को इस बिंदु पर विचार किया जा सकता है।
पिछली सुनवाई के दौरान पैनम कोल कंपनी के अवैध खनन की बात स्वीकार किए जाने और कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नही किए जाने पर अदालत ने नाराजगी जताई थी और दो दिनों के अंदर सरकार को कार्रवाई की जानकारी देने का निर्देश दिया था।
रामसुभग सिंह ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि 2015 में जनहित याचिका दाखिल की गई थी। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि कंपनी ने गड़बड़ी की है और अब कंपनी चली गई है।
गड़बड़ी की बात सरकार ने स्वीकार की, लेकिन सरकार ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जो गलत है। वर्ष 2017 में तत्कालीन खनन सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने शपथ पत्र दाखिल कर बताया था कि कंपनी ने गड़बड़ी की है और अवैध माइनिंग से विस्थापित लोगों के लिए कुछ नहीं किया है।
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