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    Acid Attack पीड़िता को बेहतर चिकित्सा सुविधा और पुनर्वास का पैकेज मुहैया हो, हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को किया तलब

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 01:15 PM (IST)

    झारखंड हाई कोर्ट में साहिबगंज के राजमहल में तेजाब पीड़िता के बेहतर इलाज की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने एसिड अटैक पीड़िता के बेहतर इलाज और पुनर्वास के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया है। स्वास्थ्य सचिव को अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।

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    तेजाब पीड़िता के बेहतर इलाज के मामले में स्वास्थ्य सचिव को कोर्ट ने तलब किया है।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने साहिबगंज के राजमहल में तेजाब पीड़िता के बेहतर इलाज की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई।

    सुनवाई के बाद अदालत ने एसिड अटैक पीड़िता के बेहतर इलाज और पुनर्वास के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया है।

    पीड़िताओं का बेहतर इलाज के साथ सरकार करे पुनर्वास

    अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव को अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि पीड़िता की तस्वीरें और रिपोर्ट से स्पष्ट है कि वे गंभीर पीड़ा में हैं और उन्हें समाज तथा राज्य सरकार के संवेदनशील रवैये की जरूरत है।

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    राज्य का यह दायित्व है कि वह पीड़िता को बेहतर चिकित्सा सुविधा और पुनर्वास का पैकेज मुहैया कराए। कोर्ट ने राज्य सरकार और रिम्स को अगली सुनवाई तक पीड़िता की मदद के लिए एक ठोस योजना के साथ तैयार रहने का निर्देश दिया है।

    पीड़िताओं ने की है बेहतर इलाज की मांग

    मामले में अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी। इससे पहले झालसा की ओर से जांच रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की गई थी। इस संबंध में तेजाब पीड़िताओं की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर बेहतर इलाज की मांग की गई है।

    उनकी ओर से अधिवक्ता शैलेश पोद्दार ने अदालत को बताया कि जमीन विवाद में पीड़िता और उसकी नाबालिग बच्ची पर तेजाब फेंका गया। हमले के बाद उनको बेहतर इलाज के लिए रिम्स भेजा गया।

    अभी वहां पर इलाज चल रहा है, लेकिन स्थिति ठीक नहीं है। उनके बेहतर इलाज के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन कर दिल्ली या अन्य जगहों पर ले जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

    इसका खर्च सरकार को वहन करना चाहिए। इसके बाद अदालत ने मामले की जांच झालसा सचिव को करने का निर्देश दिया था। ताकि यह पता लगाया जा सके कि बेहतर इलाज रिम्स में संभव है या पीड़िता को दूसरी जगह भेजा जाए।