Ranchi News: आईएएस विनय कुमार चौबे और संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह गिरफ्तार, सामने आई बड़ी वजह
झारखंड के आईएएस अधिकारी विनय चौबे को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम अपने साथ ले गई है। मिली जानकारी के अनुसार शराब घोटाले के मामले में उनसे पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद शराब घोटाला केस में पूर्व उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे को एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया है। विनय चौबे उत्पाद विभाग के तत्कालीन सचिव हैं।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में शराब घोटाला मामले की जांच कर रहे राज्य सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व सचिव आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया।
विनय कुमार चौबे तब झारखंड राज्य विबरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भी थे। वे वर्तमान में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव हैं। दोनों आरोपितों पर पद का दुरुपयोग कर प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन की प्रक्रिया एवं प्रविधान का समुचित अनुपालन किए बगैर साजिश रचने का आरोप है।
एसीबी ने जांच में पाया कि एक साजिश के तहत जालसाजी कर दोनों ने झारखंड सरकार को 38 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है। एसीबी ने दोनों की गिरफ्तारी करीब साढ़े छह घंटे तक की पूछताछ के बाद की है।
दोनों को रांची स्थित एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया गया। यहां अदालत के आदेश पर दोनों 14 दिनों तक के लिए न्यायिक हिरासत में रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भेज दिए गए।
जल्द ही दोनों एसीबी दोनों को रिमांड पर लेकर भी पूछताछ करेगा। हालांकि, अब तक एसीबी ने रिमांड के लिए कोर्ट में आवेदन नहीं दिया है।
एसीबी ने कोर्ट को बताया कि दोनों ही अधिकारियों के विरुद्ध एसीबी प्रारंभिक जांच (पीई) कर रहा था। पीई में दोनों ही अधिकारियों के विरुद्ध अपराध की पुष्टि हुई। इसके बाद दोनों के विरुद्ध एसीबी ने प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार किया। अब इस पूरे प्रकरण में एसीबी अपनी जांच को और आगे बढ़ाएगा।
सुबह एसीबी लेकर पहुंची कार्यालय, शाम में गिरफ्तारी
एसीबी की टीम आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को सुबह करीब दस बजे उनके आवास से एसीबी कार्यालय लेकर पहुंची और पूछताछ शुरू की। एसीबी ने संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह को भी पूछताछ के लिए एसीबी कार्यालय बुलाया था।
दोपहर करीब दो बजे दोनों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया के तहत एसीबी ने मेडिकल टीम को बुलाया। शाम करीब चार बजकर 40 मिनट पर एसीबी ने उन्हें विधिवत गिरफ्तार किया और दोनों को लेकर एसीबी की विशेष अदालत में पहुंची। कोर्ट को गिरफ्तारी की वजह बताई और फिर जेल भेजने की कार्रवाई हुई।
मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग से अनुमति के बाद हुई है दोनों की गिरफ्तारी
राज्य में शराब घोटाला मामले में एसीबी झारखंड ने प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी। पीई में एसीबी को यह सबूत मिले कि उत्पाद विभाग में नियमों को ताक पर रखकर प्लेसमेंट एजेंसियों का चयन हुआ और उन्हें अनैतिक लाभ पहुंचाया गया।
इससे झारखंड सरकार को लगभग 38 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा। इसके बाद ही एसीबी ने मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग से अनुमति लेकर 20 मई 2025 को एसीबी रांची थाना कांड संख्या 09/2025 में प्राथमिकी दर्ज की।
इसमें उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव सह जेएसबीसीएल के तत्कालीन प्रबंध निदेशक तथा संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह व अन्य को आरोपित बनाया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।