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    Jharkhand Crime: शराब घोटाला में पूछताछ में शामिल होने नहीं पहुंचे पूर्वी सिंहभूम के डीसी कर्ण सत्यार्थी, एसीबी ने 24 को फिर बुलाया

    By Dilip Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Fri, 21 Nov 2025 10:12 AM (IST)

    शराब घोटाला मामले में एसीबी के समन पर पूर्वी सिंहभूम के डीसी कर्ण सत्यार्थी अवकाश के चलते पूछताछ में शामिल नहीं हुए। एसीबी ने उन्हें 24 नवंबर को फिर बुलाया है। पूर्व उत्पाद नीति के दौरान जेएसबीसीएल में हुए कथित घोटाले में उनसे पूछताछ होनी है। आरोप है कि फर्जी बैंक गारंटी पर प्लेसमेंट एजेंसियों को ठेका देने से विभाग को 38 करोड़ का नुकसान हुआ था। एसीबी अब तक पांच आईएएस अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है।

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    अवकाश पर होने के चलते पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी गुरुवार को पूछताछ में शामिल नहीं हो सके।

    , एसीबी ने 24 के लिए फिर किया है समन
    राज्य ब्यूरो, रांची ।  शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच कर रही एसीबी के समन पर पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी गुरुवार को पूछताछ में शामिल नहीं हो सके। वे वर्तमान में अवकाश हैं। उन्होंने इसकी सूचना एसीबी को दी है। इसके बाद एसीबी ने उन्हें 24 नवंबर के लिए फिर से नया समन किया है।

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    आइएएस अधिकारी कर्ण सत्यार्थी पूर्व की उत्पाद नीति के दौरान उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के आयुक्त उत्पाद सह झारखंड राज्य बेवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के प्रबंध निदेशक रह चुके हैं।
    पूर्व की उत्पाद नीति के दौरान ही शराब घोटाले का मामला सामने आया है।

    तब राज्य में खुदरा शराब दुकानों का संचालन जेएसबीसीएल के माध्यम से होता था। खुदरा दुकानों के संचालन के लिए प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से खुदरा शराब दुकानों में मैनपावर की आपूर्ति की जाती थी।
    खुदरा शराब दुकानों में मैनपावर की आपूर्ति के लिए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के तत्कालीन सचिव विनय कुमार चौबे के समय प्लेसमेंट एजेंसियों का चयन हुआ था।

    विभाग को करीब 38 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप

    उसी वक्त फर्जी बैंक गारंटी पर दो प्लेसमेंट एजेंसियों मेंसर्स विजन व मेसर्स मार्शन को मैनपावर आपूर्ति का ठेका मिल गया था। इस मामले में ही तत्कालीन सचिव विनय कुमार चौबे व अन्य के विरुद्ध 20 मई को एसीबी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

    इसमें अधिकारियों पर पद का दुरुपयोग कर अपने चहेते प्लेसमेंट एजेंसी को नियम विरुद्ध जाकर ठेका दिलाने व उसके चलते विभाग को करीब 38 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।
    इस मामले में एसीबी ने अब तक पांच आइएएस अधिकारियों से पूछताछ कर ली है।

    इनमें विभाग के तीन पूर्व सचिव विनय कुमार चौबे, मनोज कुमार व मुकेश कुमार, दो आयुक्त उत्पाद अमित प्रकाश व फैज अक अहमद मुमताज शामिल हैं। छठे आइएएस अधिकारी कर्ण सत्यार्थी हैं, जिनका बयान लिया जाना है। बताया जा रहा है कि आइएएस अधिकारी फैज अक अहमद मुमताज व कर्ण सत्यार्थी की बदौलत ही यह मामला उजागर हुआ है। एसीबी इन दोनों ही अधिकारियों से घोटाले से जुड़ी जानकारियां लेना चाह रही है, ताकि अपनी जांच को आगे बढ़ा सके।