Jharkhand Government: शराब घोटाले में आइटीएस अरुण पति त्रिपाठी को गिरफ्तार कर सकती है एसीबी
भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारी सह छत्तीसगढ़ राज्य म्यूनिसिपल कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के पूर्व प्रबंध निदेशक अरुण पति त्रिपाठी जमानत पर हैं। झारखंड एसीबी ने रांची स्थित एसीबी की विशेष अदालत में अरुण पति त्रिपाठी के प्रोडक्शन वारंट के लिए आवेदन दे दिया। ACB उन्हें अपने केस में गिरफ्तार भी कर सकती है।

राज्य ब्यूरो, जागरण. रांची। भारतीय दूरसंचार सेवा ITS के अधिकारी सह छत्तीसगढ़ राज्य म्यूनिसिपल कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के पूर्व प्रबंध निदेशक अरुण पति त्रिपाठी रायपुर के सेंट्रल जेल में नहीं, बल्कि जमानत पर जेल से बाहर हैं।
शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच कर रही झारखंड एसीबी अरुण पति त्रिपाठी के जमानत से अनभिज्ञ थी। झारखंड एसीबी ने छत्तीसगढ़ एसीबी से समन्वय भी नहीं बनाया।
इसका परिणाम यह हुआ कि झारखंड एसीबी ने रांची स्थित एसीबी की विशेष अदालत में अरुण पति त्रिपाठी के प्रोडक्शन वारंट के लिए आवेदन दे दिया। अब उनके जमानत की जानकारी सामने आई है तो एसीबी अपने आवेदन को बदलेगी। अब एसीबी उनका गिरफ्तारी वारंट लेगी। उन्हें अपने केस में गिरफ्तार भी कर सकती है।
ITS Officer Arun Pati Tripathi पर छत्तीसगढ़ के साथ-साथ झारखंड में भी शराब घोटाले की पटकथा लिखने का आरोप है। आरोप है कि उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग झारखंड के तत्कालीन प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे को अरुण पति त्रिपाठी ने शराब घोटाले में सहयोग किया था।
सभी जालसाजों की झारखंड में कराई एंट्री
आइटीएस अरुण पति त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने झारखंड में मई 2022 को लागू नई उत्पाद नीति के दौरान छत्तीसगढ़ के शराब कारोबार में सक्रिय रहे सभी जालसाजों को झारखंड में एंट्री करा दी। इसमें झारखंड के तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे का साथ मिला।
इसके बदले में छत्तीसगढ़ व झारखंड के संबंधित अधिकारी करोड़ों रुपये का कमीशन खाकर मालामाल हो गए। जिन्हें झारखंड में एंट्री कराया, उनमें छत्तीसगढ़ का कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया बड़ा नाम था। वह वहां की चार मैनपावर आपूर्ति एजेंसियों को लेकर झारखंड में आया। यहां शराब कंपनियों पर भी दबदबा कायम किया, शराब निर्माण के धंधे में निवेश भी किया।
सिद्धार्थ सिंघानिया ने अरुण पति त्रिपाठी की मदद से झारखंड में शराब की बोतलों के लिए होलोग्राम आपूर्ति का काम मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्यूरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विधु गुप्ता को दिलवाया। विधु गुप्ता पर छत्तीसगढ़ के साथ-साथ झारखंड में भी नकली होलोग्राम आपूर्ति करने का आरोप है।
फर्जी बैंक गारंटी देने वाली एजेंसियों के निदेशकों की तलाश
झारखंड में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मई 2022 में लागू उत्पाद नीति में मैनपावर आपूर्ति करने वाली दो एजेंसियों ने फर्जी बैंक गारंटी दी थी, जिनके निदेशकों की एसीबी को तलाश है। इन एजेंसियों में मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड व मेसर्स विजन हास्पिटालिटी सर्विसेज एंड कंस्ल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
एसीबी ने जांच में मेसर्स विजन हास्पिटालिटी सर्विसेज एंड कंस्ल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों महेश सिदगे, बिपिन जाधवभाई परमार, परेश अभेसिंह ठकोर, विक्रम सिंह अभिसिंह ठकोर को दोषी पाते हुए उनका गिरफ्तारी वारंट ले रखा है।
वहीं, मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक जगन तुकाराम देसाई, कमल जगन देसाई व शीतल जगन देसाई के विरुद्ध भी एसीबी ने कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट ले रखा है।
Liquor Scamसभी आरोपितों की तलाश में एसीबी की टीम ने महाराष्ट्र के ठाणे व मुंबई के साथ-साथ गुजरात के अहमदाबाद में भी छापेमारी की, लेकिन वे फरार मिले। उनकी तलाश जारी है। बताया जा रहा है कि दोनों प्लेसमेंट एजेंसियों के सभी सातों निदेशक गिरफ्तार होंगे।
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