वित्तीय अनुशासन का माखौल,18 हजार करोड़ से अधिक राशि पीएल खाते पड़ी, यहां जानिए कौन कितना दबाए बैठा है...
राज्य में विभिन्न सरकारी विभागों के व्यक्तिगत जमा खातों (पीएल खातों) में 18000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा है जो पिछले 15 वर्षों से अवरुद्ध है। यह स्थिति न केवल वित्तीय अनुशासन के खिलाफ है बल्कि विकास कार्यों को भी प्रभावित कर रही है। सरकार 4500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को पीएल खातों से निकालकर राजकोष में जमा कराने में सफल रही है।

प्रदीप सिंह, रांची। राज्य में विभिन्न सरकारी विभागों के व्यक्तिगत जमा खातों (पीएल खातों) में 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा है, जो पिछले 15 वर्षों से अवरुद्ध है।
यह स्थिति न केवल वित्तीय अनुशासन के खिलाफ है, बल्कि विकास कार्यों को भी प्रभावित कर रही है। राज्य सरकार ने इस समस्या पर सख्ती बरतते हुए 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को पीएल खातों से निकालकर राजकोष में जमा कराने में सफलता प्राप्त की है।
फिर भी यह राशि अभी भी काफी अधिक है और इसे योजनाओं में उपयोग करने की आवश्यकता है। पीएल खातों में राशि का जमा होना झारखंड में एक पुरानी समस्या है।
कई विभागों के खातों में बिना उपयोग के पड़ी है राशि
यह राशि विभिन्न विभागों जैसे लघु सिंचाई, ग्रामीण कार्य विभाग (आरईओ), और नगर विकास विभाग समेत अन्य विभागों के खातों में बिना उपयोग के पड़ी है।
इससे न केवल धन का दुरुपयोग हो रहा है, बल्कि विकास कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। यह राशि राजकोष में स्थानांतरित होने पर विकास योजनाओं को गति मिल सकती है।
वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने इसे वित्तीय अनुशासन के खिलाफ बताते हुए कहा कि इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे।
अकेले नगर विकास विभाग में 1,902 करोड़ से अधिक जमा
नगर विकास विभाग के तहत विभिन्न संस्थाओं के पीएल खातों में 31 मार्च 2024 तक 1902 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा है। इसमें निम्नलिखित संस्थाएं शामिल हैं।
- जुडको, रांची : 1,187.40 करोड़ रुपये
- राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) : 3.04 करोड़ रुपये
- रांची नगर निगम : 208.08 करोड़ रुपये
- धनबाद नगर निगम : 276.67 करोड़ रुपये
- मानगो नगर निगम, जमशेदपुर : 42.17 करोड़ रुपये
- जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) : 69.29 करोड़ रुपये
- देवघर नगर निगम : 24.53 करोड़ रुपये
- दुमका नगर परिषद : 10.10 करोड़ रुपये
- बासुकीनाथ नगर पंचायत, दुमका : 6.73 करोड़ रुपये
- चिरकुंडा नगर परिषद, धनबाद : 8.14 करोड़ रुपये
- हरिहरगंज नगर पंचायत, पलामू : 2.27 करोड़ रुपये
- जुगसलाई नगर परिषद, जमशेदपुर : 4.63 करोड़ रुपये
होगी समीक्षा, योजनाओं में राशि का उपयोग करना होगा
राज्य सरकार ने पीएल खातों की वार्षिक समीक्षा का प्रविधान किया है, लेकिन इसकी अनदेखी की जा रही है। वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने स्पष्ट किया है कि 2010-11 से चली आ रही इस समस्या को गंभीरता से लिया जा रहा है।
सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि जिन विभागों के पास अधिक राशि जमा है, उन्हें नया आवंटन रोककर इस राशि का उपयोग करना होगा।
उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त सचिव अमित खरे के कार्यकाल में भी इस संबंध में निर्देश जारी किए गए थे, जिसमें पीएल खातों की राशि को विभागीय योजनाओं में उपयोग करने का आदेश दिया गया था।
राशि डंप करना वित्तीय अनुशासन के विपरीत
ऐसे राशि डंप करना वित्तीय अनुशासन के ठीक विपरीत है। अगर यह राशि राजकोष में आ जाएगी तो इससे विकास के कार्य होंगे। सरकार इस प्रवृति को लेकर कठोर है और कड़ी नजर रखी जा रही है।
यह भी कहा गया है कि जिन विभागों के पास ज्यादा राशि है, उसे नया आवंटन रोक कर इसका उपयोग करने को कहा जाएगा। पैसे को योजनाओं में खर्च नहीं कर इसे रोककर रखना अनुशासनहीनता है।
व्यर्थ में पैसा सरकार डंप नहीं होने देगी। इस संबंध में जल्द ही वे उच्चस्तरीय बैठक करेंगे। सरकार इसके प्रति कठोर रवैया अख्तियार करेगी। उन्होंने इसका विस्तृत ब्योरा विभागों से तलब किया है।
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