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    झारखंड के सभी एनएच होंगे फोरलेन

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    Updated: Wed, 22 Feb 2012 01:01 AM (IST)

    रांची : झारखंड के सभी 12 राष्ट्रीय उच्च पथ एक साल के भीतर फोरलेन होंगे। वित्तीय वर्ष 2012-13 तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। केंद्रीय सड़क सचिव एके उपाध्याय ने यह दावा किया। उन्होंने मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में राज्य के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्य सचिव एसके चौधरी, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा समेत अन्य अधिकारी और अभियंता प्रमुख मौजूद थे।

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    बैठक के बाद 'दैनिक जागरण' से रूबरू केंद्रीय सड़क सचिव ने स्वीकारा कि झारखंड के अधिकांश राष्ट्रीय उच्च पथ मरम्मत के अभाव में खराब हो गए हैं, जिन्हें युद्धस्तर पर काम कर ठीक कर लिया जाएगा। हालांकि उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय राजमार्गो की हालत उतनी भी खराब नहीं है जितना दावा किया जा रहा है। इस सवाल पर कि एनएच के खराब होने का ठीकरा राज्य सरकार पर फूटता है, केंद्रीय सड़क सचिव ने कहा कि मंत्रालय की ओर से तत्परता बरती जाती है। राज्यों द्वारा खुद एनएच की मरम्मत नीतिगत मामला है। इस पर उच्चाधिकारी ही फैसला ले सकते हैं। ऐसे में मंत्रालय राज्यों को खुद एनएच की मरम्मत का आदेश नहीं दे सकता। झारखंड में सड़क निर्माण की फाइल दिल्ली में लटकाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि विभागीय प्रक्रिया में थोड़ी देर होती है लेकिन ऐसा नहीं होता कि जानबूझ कर विलंब किया जाता है। राज्य सरकार की तमाम मांगों पर मंत्रालय तत्परता से विचार करता है। नक्सलियों और अपराधियों द्वारा एनएच निर्माण में दिक्कत पैदा किए जाने और लेवी मांगने संबंधी बात पर केंद्रीय सड़क सचिव ने कहा कि यह विधि-व्यवस्था का मामला है। इससे निपटना राज्य सरकार का काम है।

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    बैठक में हमने अपनी बातें रख दी है। केंद्रीय सड़क सचिव ने उसे गंभीरता से लिया है। शिकायतें दूर करने का आश्वासन दिया गया है। हम चाहते हैं कि झारखंड की तमाम मांगों को केंद्र सरकार तत्परता से पूरा करे। हमें उम्मीद है कि इस दिशा में कार्रवाई होगी।

    - एनएन सिन्हा

    प्रधान सचिव, पथ निर्माण विभाग

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    आप जो जानना चाहते हैं

    झारखंड में राष्ट्रीय उच्च पथ : अहम तथ्य

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    झारखंड में मौजूद एनएच की कुल लंबाई - 1861 किलोमीटर

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    --एनएच 2 - बिहार सीमा से चौपारण-बरही-बरकट्ठा-बगोदर-डुमरी- तोपचांची-गोबिंदपुर-निरसा मैथन डैम होते हुए पश्चिम बंगाल की सीमा तक। लंबाई 190 किमी।

    --एनएच 6 - ओड़िशा की सीमा से बहरागोड़ा होते हुए पश्चिम बंगाल के बार्डर तक। 22 किमी।

    --एनएच 23 - चास (बोकारो स्टील सिटी) से गोला-रामगढ़-रांची-बेड़ो-सिसई-गुमला-पालकोट-कोलेबिरा-सिमडेगा से ओड़िशा की सीमा तक। लंबाई 250 किमी।

    --एनएच 31 - बरही-कोडरमा से बिहार की सीमा तक। लंबाई 44 किमी।

    --एनएच 32 - गोविंदपुर- धनबाद-चास - पश्चिम बंगाल सीमा- चांडिल-जमशेदपुर। 107 किमी।

    --एनएच 33 - बरही - हजारीबाग - रामगढ़ - रांची- बुंडू- चांडिल -जमशेदपुर-महुलिया होते हुए एनएच 6 बहरागोड़ा तक। 352 किमी।

    --एनएच 75 - यूपी की सीमा से नगर उंटारी - गढ़वा- डालटनगंज- लातेहार-चंदवा - कुड़ू-मांडर- रांची- खूंटी - बंदगांव - चक्रधरपुर - चाईबासा- जैतगढ़ से उड़ीसा की सीमा तक। 447 किमी।

    --एनएच 78 - छत्तीसगढ़ की सीमा से सिलम-गुमला। 25 किमी।

    --एनएच 80 - बिहार की सीमा से साहेबगंज-राजमहल-बरहरवा से पश्चिम बंगाल की सीमा तक। 100 किमी।

    --एनएच 98 - बिहार की सीमा से हरिहरगंज, छत्तरपुर से एनएच 75 तक। 50 किमी।

    --एनएच 99 - चंदवा-बालूमाथ-चतरा-हंटरगंज से बिहार बार्डर तक। 156 किमी।

    ---एनएच 100 - चतरा-टूटीलावा-हजारीबाग- मेरू-दारू- खरीका- बगोदर । 118 किमी।

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