प्रवासी मजदूरों को मिलेगा पहचान पत्र
रांची : राज्य सरकार दिल्ली, हरियाणा, चेन्नई, गुजरात आदि राज्यों में काम के लिए जानेवाले मजदूरों को पहचान पत्र देगी। पहचान पत्र में काम के लिए बाहर जानेवाले मजदूरों के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध होगी। जो व्यक्ति या एजेंसी उसे काम दिलाने के लिए बाहर ले जा रहा है, उसके बारे में भी जानकारी पहचान पत्र में होगी। साथ ही संबंधित उपायुक्त व जिले के किसी अधिकारी का फोन नंबर भी उसमें दर्ज होगा, ताकि किसी दुर्घटना, शोषण या अन्य किसी विषम परिस्थिति में इसकी जानकारी उन्हें समय पर दी जा सके। श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस संबंध में निर्णय लिया है। पहचान पत्र पंचायत स्तर पर निर्गत होगा।
मजदूरों को दूसरे राज्यों में काम दिलाने के लिए ले जानेवाले व्यक्ति या एजेंसी को पंचायत सेवक से लाइसेंस लेना होगा। यह लाइसेंस एक या अधिक मजदूरों को ले जाने के लिए एक बार के लिए ही निर्गत होगा। उनके बारे में पूरी जानकारी भी सरकार रखेगी। पहले उपायुक्तों के अधीन काम कर रहे निबंधन पदाधिकारी से मजदूरों को बाहर ले जाने के लिए लाइसेंस लेना पड़ता था। ट्रैफिकिंग तथा मजदूरों को शोषण पर रोक लगाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
विभाग ने प्रवासी मजदूरों के लिए कई कल्याण कार्यक्रम भी निर्धारित किए हैं। अगले साल से इनका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इसके तहत आपदा स्थिति में किसी मजदूर को वापस लाने (परिजनों सहित) तथा उसके पुनर्वास का खर्च सरकार वहन करेगी। वहीं मृत्यु या पूर्ण अपंगता की स्थिति में प्रभावित मजदूर या उसके आश्रित को एक लाख रुपए दिए जाएंगे। इस पर 10 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया गया है। श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग इसके लिए राज्य भर के प्रवासी मजदूरों का सर्वे करा रहा है। इसके लिए प्रत्येक जिले को एक लाख 25 हजार रुपए (कुल 30 लाख रुपए) आवंटित किए गए हैं।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।