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    JPSC: शुरू से ही विवादित रही छठी सिविल सेवा परीक्षा, तीन बार पीटी के रिजल्ट में हुआ संशोधन

    By Sujeet Kumar SumanEdited By:
    Updated: Mon, 07 Jun 2021 08:44 PM (IST)

    6th JPSC Exam Jharkhand News बार-बार नियमावली में बदलाव का भी परीक्षा पर असर पड़ा। कोर्ट के आदेश पर प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी हुआ था। पीटी में न्यूनतम अंक तय करने के लिए नेतरहाट में कैबिनेट की बैठक हुई थी।

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    6th JPSC Exam, Jharkhand News बार-बार नियमावली में बदलाव का भी परीक्षा पर असर पड़ा।

    रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड लोक सेवा आयोग की छठी सिविल सेवा परीक्षा शुरू से ही विवादित रही है। इस कारण यह परीक्षा पूरी होने में पांच साल से अधिक समय लग गए थे। राज्य सरकार द्वारा परीक्षा प्रक्रिया में बार-बार संशोधन करने का भी असर इस परीक्षा पर पड़ा। इस कारण इसकी प्रारंभिक परीक्षा से लेकर मुख्य परीक्षा हमेशा विवादों में रही तथा मामला न्यायालय में जाने के बाद उच्च न्यायालय को बार-बार इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा।

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    छठी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा की प्रक्रिया सबसे पहले वर्ष 2014 में पूर्व मुख्य सचिव वीएस दूबे की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय कमेटी की अनुशंसा पर तैयार नए पैटर्न के आधार पर शुरू हुई थी। लेकिन इसपर विवाद होने के कारण राज्य सरकार ने वर्ष 2015-2016 में परीक्षा के पैटर्न में फिर से बदलाव करते हुए नए सिरे से प्रक्रिया शुरू की। नए पैटर्न पर शुरू हुई प्रारंभिक परीक्षा ही लगातार विवादों में रही। इस कारण जेपीएससी को इसके परिणाम में तीन-तीन बार संशोधन करने पड़े।

    सबसे पहले 23 फरवरी 2017 को जारी परिणाम में 5,138 अभ्यर्थी सफल हुए थे। इस परिणाम को चुनौती दिए जाने पर झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर 11 अगस्त 2017 को इसका संशोधित परिणाम जारी किया गया। इसमें 965 अभ्यर्थी अधिक अर्थात कुल 6,103 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए। इसमें भी विवाद होने पर राज्य सरकार ने प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण करने के लिए न्यूनतम अंक निर्धारित कर 34 हजार अभ्यर्थियों को पास कर दिया। बकायदा नेतरहाट में कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाकर इसपर निर्णय लिया गया था।

    प्रारंभिक परीक्षा के इस परिणाम के आधार पर मुख्य परीक्षा भी आयोजित हो गई। बाद में यह मामला भी कोर्ट में जाने के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने 21 अक्टूबर 2019 को अदालत के आदेश पर जारी संशोधित परिणाम के अनुसार ही उतने ही अभ्यर्थियों के मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने का आदेश दिया। इस आदेश के आलोक में मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी हुआ। इसमें सफल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लेकर पिछले वर्ष 21 अप्रैल को अंतिम परिणाम जारी हुआ।

    सरकार ने निर्धारित कर दिया न्यूनतम अंक

    प्रारंभिक परीक्षा के लिए तीसरी बार जारी होनेवाले परिणाम के लिए राज्य सरकार ने न्यूनतम अंक निर्धारित कर दिया था। इसमें सामान्य वर्ग के लिए 40 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग 36.5, अति पिछड़ा वर्ग 34 प्रतिशत और एससी, एसटी व महिलाओं के लिए 32 प्रतिशत अंक प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने का आधार बना। दूसरी तरफ, पहली बार जारी परिणाम में प्रत्येक श्रेणी में कुल पदों के विरुद्ध 15 गुना परिणाम जारी किया गया था।

    कब क्या हुआ?

    18 दिसंबर 2016 : प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन

    23 फरवरी 2017 : प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी

    11 अगस्त 2017 : प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी

    6 अगस्त 2018 : प्रारंभिक परीक्षा का तीसरी बार परिणाम जारी

    28 जनवरी-1 फरवरी 2019 : मुख्य परीक्षा का आयोजन।

    15 फरवरी 2020 : मुख्य परीक्षा का परिणाम प्रकाशित।

    24 फरवरी से 6 मार्च 2020 : साक्षात्कार

    21 अप्रैल 2020 : अंतिम परिणाम का प्रकाशन।

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