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    45 साल गुरुजी के नाम पर की राजनीति और उनके लिए 45 मिनट नहीं निकाल सके, चम्पाई पर कुणाल षाडंगी ने निशाना साधा

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 01:02 PM (IST)

    बहरागोड़ा के पूर्व विधायक और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने चम्पाई सोरेन की राजनीतिक विश्वसनीयता और निष्ठा पर सवाल उठाते हुए कहा कि 45 साल की राजनीति के सहारे सत्ता का काफिला चलाने वाले चम्पाई सोरेन अपने राजनीतिक गुरु और करीबी सहयोगी दिशोम गुरु शिबू सोरेन के लिए 45 मिनट भी नहीं निकाल सके।

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    चम्पाई पर कुणाल षाडंगी ने निशाना साधा।

    राज्य ब्यूरो, रांची। बहरागोड़ा के पूर्व विधायक और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन पर तीखा हमला बोला है।

    उन्होंने चम्पाई सोरेन की राजनीतिक विश्वसनीयता और निष्ठा पर सवाल उठाते हुए कहा कि 45 साल की राजनीति के सहारे सत्ता का काफिला चलाने वाले चम्पाई सोरेन अपने राजनीतिक गुरु और करीबी सहयोगी दिशोम गुरु शिबू सोरेन के लिए 45 मिनट भी नहीं निकाल सके।

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    षाडंगी ने शायरना अंदाज में तंज कसा - "तू इधर-उधर की न बात कर, ये बता कि काफिला कैसे लुटा? मुझे रहजनों से गिला तो है, पर तेरी रहबरी का सवाल है।

    बाबा के अंतिम दिनों में चम्पाई की चुप्पी

    कुणाल षाडंगी ने चम्पाई सोरेन पर गंभीर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने राजनीतिक गुरु, जिनकी तस्वीर उनके घर की दीवार पर सजी थी, के अंतिम दिनों में उनका हालचाल तक नहीं लिया।

    उन्होंने सवाल उठाया कि जब उनके गुरु अस्पताल में जीवन और मृत्यु से जूझ रहे थे, तब चम्पाई सोरेन ने न तो उनसे मुलाकात की और न ही उनके परिजनों से संवेदना व्यक्त की।

    षाडंगी ने पूछा कि ऐसी क्या राजनीतिक मजबूरी थी कि आप 45 दिनों में 45 मिनट भी नहीं निकाल सके?

    चम्पाई के समर्थकों पर भी साधा निशाना

    कुणाल षाडंगी ने चम्पाई सोरेन के समर्थकों को भी नहीं बख्शा। उन्होंने सोरेन के करीबी कार्यकर्ताओं को "छुटभैया" और "फूंके हुए कारतूस" करार देते हुए कहा कि ये लोग न तो अपने बूथ पर पार्टी को बढ़त दिला पाए और न ही अपने पंचायत में प्रासंगिक रहे।

    षाडंगी ने दावा किया कि चम्पाई सोरेन इन पेड वर्करों के जरिए अपनी छवि बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह उनकी असलियत को नहीं छिपा सकता।

    चम्पाई सोरेन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भले ही वह सार्वजनिक रूप से इस सवाल का जवाब न दें, लेकिन उनकी अंतरात्मा ताउम्र उनसे यह सवाल पूछेगी।