women violence: महिलाओं के लिए रांची देश में सबसे असुरक्षित, छेड़खानी की शिकार 27 प्रतिशत महिलाएं बदल लेती हैं घर
महिलाओं की सुरक्षा के मामले में रांची का स्थान राष्ट्रीय औसत में सबसे नीचे है। देश के 31 शहरों में पी वेल्यू एनलाटिक्स ने महिला सुरक्षा से जुड़ा सर्वे किया तो इसमें रांची का स्थान सबसे नीचे 31वां पाया गया। राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन विजया किशोर राहटकर ने नारी- 2025 रिपोर्ट जारी है।

दिव्यांशु, रांची। महिलाओं की सुरक्षा के मामले में रांची का स्थान राष्ट्रीय औसत में सबसे नीचे है। देश के 31 शहरों में पी वेल्यू एनलाटिक्स ने महिला सुरक्षा से जुड़ा सर्वे किया तो इसमें रांची का स्थान सबसे नीचे 31वां पाया गया।
राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन विजया किशोर राहटकर द्वारा जारी नारी-2025 रिपोर्ट में रांची से 27 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि छेड़खानी की घटना होने पर वो अपना घर या क्षेत्र बदल लेती हैं।
इनमें से नौ प्रतिशत महिलाएं अपने साथ हुए अपराध के बारे में किसी को बताती भी नहीं है। रांची में महज 15 प्रतिशत महिलाओं को छेड़खानी के खिलाफ कार्रवाई होने का भरोसा है।
राष्ट्रीय सर्वेक्षण में कोहिमा में महिलाओं की सुरक्षा का स्तर 82.9 प्रतिशत है तो रांची में 56.3 प्रतिशत। सर्वे में शामिल 38 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि सुरक्षा के लिए पुलिस की भूमिका बढ़नी चाहिए।
इस संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी ने कहा कि रांची ही नहीं पूरे राज्य में महिलाएं असुरक्षित हैं।
छह साल से अधिक समय से राज्य में महिला आयोग नहीं है। आदिवासी बालिकाओं को ट्रैफिकिंग का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए असंवेदनशील है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार और उनके अधिकारियों को कई बार जानकारी दी है। अधिकारियों को इसे गंभीरता से लेनी चाहिए।
40 प्रतिशत महिलाओं ने माना, उनके साथ शारीरिक हिंसा हुई
सर्वे में रांची की 40 प्रतिशत महिलाओंं ने कहा कि उनके साथ शारीरिक हिंसा हुई, जबकि 47 प्रतिशत महिलाओं को गाली गलौज का सामना करना पड़ा।
कार्यस्थल पर यौन दुर्व्यवहार की शिकायत करने वाली महिलाएं कम हैं। किसी भी तरह की प्रताड़ना होने पर मात्र 35 प्रतिशत महिलाएं ही पुलिस या प्रशासन के पास शिकायत लेकर पहुंचती हैं।
44 प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि उनके साथ साल में एक बार छेड़खानी की घटना हुई है, जबकि 18 प्रतिशत महिलाओं के साथ साल में दो बार तक यह घटना होती है।
महिला सुरक्षा के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव
महिला सुरक्षा के लिए आधारभूत संरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) की शिकायत करने वाली 27 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि स्ट्रीट लाइट जैसी सुविधाओं से रात में उनकी सुरक्षा बढ़ेगी।
हालांकि पिछले दो साल में महिला सुरक्षा के लिए प्रशासन की ओर से किए गए प्रयासों की 32 प्रतिशत महिलाओं ने सराहना की।
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रांची समेत पूरे राज्य में महिला सुरक्षा बहुत बेहतर है। इस आंकड़े पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। सर्वे करने वाली एजेंसी और एनसीडब्ल्यू को इसकी दोबारा से जांच करनी चाहिए।
-महुआ माजी, झामुमो से राज्यसभा सदस्य।
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